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प्रदेश में अंतराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे को लेकर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर सकते हैं। राज्य सरकार इस बारे में पीएमओ कार्यालय के संपर्क में है। पीएमओ कार्यालय के साथ राज्य सरकार की इस बारे में चर्चा चल रही है। इस बात की जानकारी सभी कैबिनेट मंत्रियों को भी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री पांच अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान कुल्लू आ सकते हैं। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव कुल्लू दशहरा-2022 के आयोजन से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए राज्य स्तरीय कुल्लू दशहरा समिति की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई। इस वर्ष यह उत्सव पांच से 11 अक्तूबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दशहरा उत्सव के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्सव के दौरान हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रदर्शनियों के माध्यम से हिमाचल की विकास यात्रा को प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए। सूचना एवं जन संपर्क विभाग को लघु वृत्त चित्र तैयार कर इनका प्रदर्शन सुनिश्चित करने को कहा। हिमाचल तब और अब विषय पर आधारित इन वृत्तचित्रों में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग, कृषि एवं बागवानी सहित अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति को दर्शाया जाएगा।
उन्होंने उत्सव के दौरान उचित सुरक्षा व्यवस्था व निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में विधायक किशोरी लाल, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, मुख्य सचिव आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव सुभासीश पंडा, भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक कुल्लू गुरुदेव शर्मा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, कुल्लू जिला कारदार संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। उधर, शिक्षा, भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने दशहरा उत्सव आयोजन संबंधी जिला स्तरीय समिति तथा जिला कारदार संघ के साथ आयोजित बैठकों की जानकारी दी। बैठक में निर्णय लिया गया है कि दशहरा उत्सव में जिला के सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा तथा उत्सव के दौरान धार्मिक अनुष्ठान परंपरागत ढंग से आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त उत्सव में हिमाचल तथा बाहरी राज्यों के सांस्कृतिक दलों को भाग लेने के लिए आमंत्रित करने पर भी चर्चा की गई।
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