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हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति एवं जन कल्याण परिषद जिला सिरमौर शाखा द्वारा प्रिंसिपल डिवाइन विजडम स्कूल माजरा मीनाक्षी मल्होत्रा को विद्या विशारद सम्मान-2019 से अलंकृत किया है। दो मल्टी नेशनल कंपनी में बतौर इंजीनियर के रूप में सेवारत रही है। फिर पारिवारिक कारणों से कार्य क्षेत्र ही बदल लिया। लेकिन ये फैसला काफी चुनौती भरा भी था। मीनाक्षी शर्मा का स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने, बेहतरीन एथलीट रहने के बाद से इंजीनियरिंग क्षेत्र में सेवाओं से लेकर स्कूल की प्रिंसिपल तक कैरियर सफलताओं से भरा हुआ रहा
है।
मीनाक्षी मल्होत्रा का जन्म पांवटा साहिब में स्वर्गीय जिले सिंह शर्मा तथा सुखदेवी शर्मा के घर हुआ। शुरुआती शिक्षा पांवटा क्षेत्र के स्कूल में हुई। इसके बाद स्नातक व स्नातकोत्तर अंग्रेजी इतिहास में प्राप्त की है। बेसिक शिक्षा B.Ed के बाद इंजीनियरिंग की शिक्षा भी ग्रहण की है । बचपन में ही पिता का साया सिर से उठ जाने के बावजूद माता शुखदेवी शर्मा व बड़े भाई पंकज शर्मा के मार्ग दर्शन से जीवन में आगे ही बढ़ती चली गई।
मीनाक्षी मल्होत्रा सन 1997 से 2001 तक गुडगांव, फरीदाबाद में मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर ऑपरेटिंग इंजीनियर एवं टेक्निकल असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में सेवाएं दी है।
23 जनवरी 2000 को अनिल मल्होत्रा के साथ परिणय सूत्र में बंधने के उपरांत अपने कार्य क्षेत्र व जीवन में सामंजस्य बनाती गई। अपने जीवनसाथी व परिवार जनों की प्रेरणा से आगे बढ़ती रही। पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में बदलाव करना पड़ा। शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाये है। हालांकि, ये सब इतना भी आसान नहीं था।
इंजीनियरिंग सेवा देने के बाद वर्ष 2004 में B.Ed की शिक्षा पूर्ण करने के बाद स्कॉलर्स होम स्कूल पांवटा में शैक्षणिक यात्रा शुरू की। सन 2010 तक निजी स्कूलों में अध्यापक के तौर पर राजस्थान के स्कूल जयपुर व डीपीएस यमुनानगर में सेवाय दी। इसके बाद 2014 का
से डिवाइन विजडम स्कूल माजरा में बतौर प्रधानाचार्य अपनी सेवाएं दे रही है। तब से लेकर आज तक स्कूल दिन प्रतिदिन उन्नति के पथ पर अग्रसर है। शिक्षा , खेल समेत बच्चों के सर्वांगीण विकास में मीनाक्षी मल्होत्रा के नेतृत्व में स्कूल खूब प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
* परिजनों व स्कूल प्रबंधन को सफलता का श्रेय: मीनाक्षी मल्होत्रा*
डिवाइन विजडम स्कूल माजरा की प्रिंसिपल
मीनाक्षी मल्होत्रा ने बताया कि अब तक अपनी सफलता का श्रेय है परिजनों स्कूल प्रबंधन सहयोगियों वह बच्चों को देते हैं। शिक्षण क्षेत्र में कार्यकुशलता, त्याग, समर्पण व अनुशासन बेहद जरूरी है। तभी जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती हैं। मीनाक्षी मल्होत्रा ने कहा कि इस वर्ष हिमोत्कर्ष जिला सिरमौर इकाई द्वारा शिक्षक दिवस पर विद्या विशारद सम्मान से नवाजने पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है।
*स्कूल से कॉलेज तक कुशाग्र बुद्घि व सर्वश्रेष्ठ एथलीट रही*
– मीनाक्षी मल्होत्रा बचपन से ही पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि की रही। इसके अलावा स्कूल से लेकर इंटर तथा B.Ed कॉलेज तक वेस्ट ऑलराउंडर,
सर्वश्रेष्ठ एथलीट की ट्रॉफी पर कब्जा जमाती रही। मीनाक्षी अंग्रेजी व हिंदी भाषा में बेहतरीन वक्ता, मेहनती व अनुसाशन प्रिय होने के चलते अपने स्टाफ, दोस्तों व स्कूली बच्चों के बीच खूब लोकप्रिय रही है।
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