News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
काफी अरसे से हिमाचल और उत्तराखंड राज्य में यमुना नदी क्षेत्र में सीमा निर्धारण नहीं होने से दिक्कतें हो रही हैं। यमुना नदी में दिन रात धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। दोनों राज्यों को जोड़ने वाले एनएच-07 पर बने यमुना पुल से करीब 500 मीटर दूरी पर रेत बजरी उठाई जा रही है। करीब 7 वर्ष पहले दोनों राज्यों की संयुक्त टीम ने इस स्थल पर पुल के बीच से पैमाइश कर नदी सीमा में बुर्जियां लगाई गई थीं लेकिन बरसात में जल स्तर विकराल हो जाने पर बुर्जियां बह जाती हैं जिससे राज्य सीमा की समस्या जस की तस रहती है।
देश और प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन, पुलिस समेत विभिन्न विभाग इस वक्त बेहद व्यस्त हैं। इसका पूरा फायदा पड़ोसी राज्य के अवैध खननकारी उठा रहे हैं। यमुनाघाट पांवटा में हिमाचल सीमा में घुस कर अवैध खननकारी रात और दिनदिहाड़े कार्य कर रहे हैं। खनन माफिया हिमाचल सीमा पर बने बीयर योजान (बैराज) पांवटा के आसपास खनन करते पहुंच गए हैं। दो दिनों से बेहद सक्रिय होकर अवैध खननकारी कार्य कर रहे हैं। रोज दर्जनों ट्रैक्टरों को राज्य सीमा के दूसरी तरफ उत्तराखंड अवैध रेत बजरी को पहुंचाया जा रहा है।
रविवार को अवैध खनन की सूचना मिलने पर माइनिंग इंस्पेक्टर मंगत राम और पुलिस आरक्षी अरुण समेत टीम मौके पर पहुंची लेकिन तब तक अवैध खननकारी मौके से भाग चुके थे। नदी क्षेत्र बीच में होने पर कार्यवाही को पुल से होकर उत्तराखंड जाकर इस क्षेत्र तक पहुंचना पड़ता है। खनन निरीक्षक का कहना है कि मौके पर अवैध खनन रोकने पहुंचने उत्तराखंड वन अधिकारी बहते पानी को सीमा रेखा बता कर मामला उलझा देते हैं।
उधर, एसडीएम पांवटा लायक राम वर्मा ने कहा कि इस बारे में शिकायतें मिल रही हैं। स्थलाकृतिक (टोपोग्राफी) शीट के आधार पर सीमा का पता चल जाता है। राज्य की सीमा पर हिमाचल की तरफ होने वाले अवैध खनन को रोकने के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी। उधर, डीएफओ पांवटा कुणाल अंगिरश ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग के ओपन सीरिज के मैप अंतरराज्य सीमा निर्धारण में सहायक हो सकते हैं।
संयुक्त टीम गठन और सीमा निर्धारण से अंकुश संभव
पांवटा साहिब मजदूर नेता प्रदीप चौहान और सुनील चौधरी कहना है कि लंबे अरसे से उत्तराखंड-हिमाचल राज्य सीमा पर यमुना नदी में राज्य सीमा निर्धारण नहीं होने से कार्यवाही में दिक्कतें आती रही हैं। इसलिए दोनों राज्यों को सीमा निर्धारण करना होगा। कर्फ्यू और लॉकडाउन में भी यमुनाघाट में अवैध रुप से रेत-बजरी उठाई जा रही है। हिमाचल और उत्तराखंड सीमा पर नदी की विस्तृत क्षेत्र सीमा लगती है। दोनों राज्यों की सीमा पर बहने वाली यमुना नदी, इसकी सहायक नदियों गिरि, बाता व टौंस नदी में भी अवैध खनन के लिए संवेदनशील रहा है।
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