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प्रदेश में कई अनाज व् दाले लुप्त होती नगर आ रही हे, हालत यह है कि प्रदेश में कई दलों के बाहरी राज्यों पर निर्भर भी है हालंकि किसी समय हिमाचल दालो को लेकर बाहरी राज्यों पर निर्भर नही था लेकिन अब उत्पादन क्षमता घटने से हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी दालों का उत्पादन बढ़ाने को राज्य सरकार ने केंद्र के पास मंजूरी के लिए 10.34 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद पहाड़ी दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश के करीब 12 हजार किसानों को लाभ पहुंचाया जाना है। प्रदेश में 6000 हेक्टेयर भूमि में दालें पैदा करने का लक्ष्य रखा है।
बताया जा रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की प्रोजेक्ट में 90:10 फीसदी वित्तीय भागीदारी रहेगी। प्रदेश में दालों का उत्पादन कम होने से अभी बाहरी राज्यों पर ज्यादा निर्भरता है। बताते हैं कि राज्य के किसानों ने पहाड़ी दालों का उत्पादन कम कर दिया है। इससे बाहरी राज्यों से लोगों की जरूरत की दालें खरीदनी पड़ रही हैं, जबकि हिमाचली दालों की बाजार में मांग ज्यादा है। इसे देखते हुए प्रोजेक्ट से दालों और बीजों का भी उत्पादन बढ़ाया जाना है।
हिमाचल में कब कितना हुआ दालों का उत्पादन
वर्ष उत्पादन हजार मीट्रिक टन
2014-15 53.87
2015-16 59.17
2016-17 67.40
2017-18 61.00
2018-19 62.50
वर्ष 2021-22 से 2026 तक चलेगा प्रोजेक्ट
प्रदेश में दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की वित्तीय मदद से यह प्रोजेक्ट वर्ष 2021-22 से 2026 तक चलेगा। इसमें किसानों को उचित प्रशिक्षण, उन्नत किस्म के दालों के बीज, आधुनिक कृषि तकनीक इस्तेमाल होगी और प्रदर्शनी फार्म भी किसानों के लिए विकसित होंगे।
वही राज्य कृषि निदेशक नरेश ठाकुर ने बताया कि केंद्र के पास प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए भेजा है। इससे 12 हजार किसानों को लाभ होगा और करीब छह हजार हेक्टेयर भूमि में दालों का उत्पादन होगा। इनमें चना, मसूर, माश, राजमा और मूंग का उत्पादन बढ़ाया जाना है। किसानों को ढाई किलो उन्नत किस्म का दालों का बीज और किट देंगे।
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