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भाजपा महामंत्री एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि 6 नवंबर 2017 को आए एनजीटी के फैसले के बाद शहर के कोर एरिया में हर तरह के निर्माण कार्य पर पाबंदी लगी हुई थी, वहीं नॉन कोर एरिया में भी सिर्फ ढाई मंजिला भवन निर्माण की छूट दी जा रही थी, अब सरकार ने जो नया डेवलपमेंट प्लान बनाया है उसके अनुसार कोर एरिया में छूट मिलेगी।
भाजपा जो कहती है वो करके दिखाती है, जो काम पिछले 40 साल में नहीं उससे हमारी सरकार के कर दिखा है।
उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कोर एरिया और नॉन कोर एरिया में रिहायशी भवनों के अलावा दुकानों, व्यावसायिक परिसरों और होटलों का निर्माण के लिए सरकार ने नया डेवलपमेंट प्लान तैयार किया है।
जल्द ही इस प्लान को कैबिनेट द्वारा पारित भी कर दिया जाएगा, यह शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को दूरगामी सोचा का परिणाम है।
जम्वाल ने कहा कि करीब 40 साल बाद शिमला शहर के लिए डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है, इसके तहत कोर और नॉन कोर एरिया में बिना पेड़ काटे मकान का निर्माण कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि नया डेवलपमेंट प्लान एन जी टी के आदेश पर तैयार किया गया है और नवंबर 2017 में एन जी टी की पाबंदी के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर लंबित है।उन्होंने बताया कि टीसीपी के एक्ट में प्रावधान है कि हर शहर का अलग से प्लान बनाया जाए, इसे अम्रुत योजना के तहत जीएसआई प्रक्रिया के तहत तैयार किया गया है, उन्होंने बताया कि इस नए डेवलपमेंट प्लान को साडा और कंसल्टेंट द्वारा तैयार किया गया है।
नए प्लान के मुताबिक, नॉन कोर एरिया में तीन मंजिला प्लस पार्किंग और एटिक का निर्माण किया जा सकेगा, जबकि कोर एरिया में दो मंजिल प्लस पार्किंग और एटिक का निर्माण किया जा सकेगा, ग्रीन एरिया में बिना पेड़ काटे एक मंजिल और एटिक बनाने की अनुमति मिलेगी।
उन्होंने बताया कि 2002 में कुछ एरिया को ग्रीन एरिया चिन्हित किया गया है और जहां निर्माण हो सकता है, वहां पर एक मंजिल प्लस एटिक का निर्माण हो सकता है । नए डेवलपमेंट प्लान से शहरवासियों को राहत मिलेगी और जनता को इसका लाभ मिलेगा।
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