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November 24, 2024

बर्फीली ढंग में भटक रहे गौवंश से उठ सरकारी गौशालाओं पर सवाल

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

बर्फीली ठंड के बीच उपमंडल संगड़ाह के ऊपरी हिस्सों में सडकों भटक रहे आवारा पशु एक ओर जहां लोगों स्वार्थी होने का सबूत है, वहीं सरकार के गोशालाओं व पशु गणना की मुहीम पर भी इससे सवाल खड़े हो रहे हैं। नौहराधार व हरिपुरधार में आवारा छोड़े गए कुछ पशु पिछले वर्ष ठंड से मर भी चुके हैं। हर वर्ष बर्फबारी व ठंड के कारण क्षेत्र में गौवंश अथवा आवारा पशुओं की मौत होती है। कुछ आवारा पशु जंगली जानवरों के शिकार बनते है। अधिकतर क्षेत्रों में आवारा पशुओ की तादाद में पिछले कुछ वर्षो से भारी इजाफा हो रहा है।

यह आवारा पशु लोगो के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए है। क्षेत्र में आवारा पशुओं की टोलियां में घूमते हुए नजर आते है। वहीं चुडधार से सटे नौहराधार के जंगलों में भी आवारा पशुओं को भारी तादाद में देखा जा सकता है। सर्दी का मौसम शुरू होते ही आवारा पशुओं की मुश्किलें शुरू हो जाती है। अधिकतर गोउओं की मौत उस समय होती है जब क्षेत्र में ज्यादा सर्दी व बर्फबारी होती है। आवारा पशुओं में सबसे अधिक सख्यां बूढी गउओं की होती है तथा बूढी गाय में ठंड सहन करने की क्षमता कम होती है।

स्वार्थ की परिकाष्ठा यह है कि, जब बूढी गाय हो जाती है या फिर दूध देना बंद कर देती है तो उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। सडको पर घूम रहे आवारा पशुओं की वजह से दुर्घटनाये भी होती है। कुछ पंचायतो में गोशालाओं का निर्माण भी किया गया है, मगर यह खाली पड़ी है। सरकार गोशालाओं का निर्माण तो कर रही है, मगर इसमें न तो कोई पशुओं की रखवाली के लिए कर्मचारियों को रखा जा रहा है और न ही पशुओं के लिए चारे का इंतजाम किया जा रहा है।

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