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हिमाचल प्रदेश के शिमला-कालका हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सुरंगों के अंदर लाइटें लगाई जाएंगी। पुलों पर सुरक्षा केबिन बनाए जाएंगे, ताकि ट्रेन आने पर हादसों से बचा जा सके। रेलवे डीएसपी पदम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को राजकीय रेलवे पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे अधिकारियों की संयुक्त बैठक में रेलवे सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी।
इसमें सड़क के नजदीक ट्रैक पर आने-जाने वाले लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सुरंगों में लाइटें, ट्रैक किनारे और सड़क के नजदीक ट्रैक पर सूचना बोर्ड के साथ फेंसिंग लगाने पर सहमति बनी। अभी तक सूचना बोर्ड सुरंगों के ऊपर लगाए हैं, अब पुलों और टनल के बाहर सूचना बोर्ड लगाने की योजना है। ट्रैक पर आने-जाने वाले लोगों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी अभियान चलेगा। रेलवे एडीएन रामपाल सिंह, स्टेशन सुपरिंटेंडेंट जोगिंद्र सिंह, वरिष्ठ वाणिज्य निरीक्षक अमर सिंह ठाकुर, रेलवे सुरक्षा प्रभारी सुनील यादव और राजकीय रेलवे शिमला थाना प्रभारी राज कुमार आदि मौजूद रहे।
रेलवे स्टेशन को उड़ाने की महज अफवाह
बीते दिनों आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नाम से रेलवे स्टेशन और मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकी को महज अफवाह बताया गया है। बैठक में रेलवे सुरक्षा को लेकर गहनता से चर्चा हुई। इसमें रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि ट्रैक पर संदिग्ध सामान पर नजर रखें। ट्रैक पर घूम रहे संदिग्धों की सूचना तुरंत रेलवे पुलिस को दे। उधर, रेलवे पुलिस का दावा है कि रेलवे की सुरक्षा के लिए यातायात जवान मुस्तैदी से डटे हैं। एचएचएमडी डिटेक्टर से सामान की चेकिंग की जा रही है।
19 स्टेशनों के बीच 862 पुल और 919 मोड़
हेरिटेज कालका-शिमला 96.57 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के बीच 19 स्टेशन आते हैं। इनमें कालका, टकसाल, गुम्मन, कोटी, जाबली, सनवारा, धर्मपुर, कुमारहट्टी, सोलन, सोलन ब्रूरी, सलोगड़ा, कंडाघाट, कनोह, कैथलीघाट, शोघी, तारादेवी, जतोग, समरहिल, शिमला शामिल हैं। ट्रैक में कुल 102 सुरंगें हैं, 862 पुल, 919 मोड़ (70 फीसदी ट्रैक मोड़ पर) हैं। सबसे बड़ी बड़ोग सुरंग 1.1 किलोमीटर और सबसे बड़ा पुल धर्मपुर में 70 मीटर है।
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