Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

April 12, 2025

नैनाटिक्कर में बारिश का कहर ,मूसलाधार बारिश के चलते किसानो की फसले नष्ट होने के कगार पर

News portals- सबकी खबर (नैनाटिक्कर)

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है।यहाँ पर हर क्षेत्र में खेती बाडी की  जाती है और यहाँ के  लोगो का जीवन बसेरा इसी पर टिका हुवा है लेकिन कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण फसलो को काफी नुकसान हो रहा है | जिस कारण किसानों को नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है तथा किसान मायूस नजर आ रहे हैं। गौर हो कि क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च जहां बहुतायत मात्रा में उगाए जाते हैं। वहीं अन्य सब्जियों की खेती भी इस क्षेत्र में की जाती है, परंतु लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह फसलें खत्म होने की कगार पर है तथा पानी से होने वाले रोग इन फसलों को प्रभावित कर रहे हैं।

जहां टमाटर की फसल में सडऩ रोग तथा काली टिक्की रोग लगने से फसल को नुकसान हुआ है।वहीं शिमला मिर्च की फसल को भी अत्याधिक वर्षा की मार झेलने से पतझड़ जैसी बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश किसानों का कहना है कि शिमला मिर्च की फसल को बचाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। अगर जल्द ही बारिश नहीं थमी तो शिमला मिर्च के साथ-साथ टमाटर की फसल भी पूर्णतय: नष्ट हो जाएगी, जबकि किसानों की पूरे वर्ष की आर्थिकी इन्हीं फसलों पर निर्भर रहती है।

ऐसे में एक ओर महंगाई का दौर वहीं दूसरी तरफ फसलों का नष्ट हो जाना किसानों के लिए यह दौहरी मार किसानों की परेशानियां लगातार बढ़ा रही है। बहरहाल बात चाहे जो भी हो परंतु पहले फसलों का उचित दाम न मिलना फिर महंगाई के बीच जीवन यापन करना और अब प्रकृति के इस कहर से फसलों का नष्ट हो जाना क्षेत्र के लिए बहुत ही चिंता का विषय है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इन दिनों क्षेत्र में जीवन अस्त-व्यस्त है जिसका सबसे ज्यादा विपरीत असर किसानों पर पड़ रहा है। (एचडीएम)

Read Previous

राजगढ़ के कोटली में पेश आया हादसा ,भारी वर्षा में दो मंजिला मकान गिरने से तीन मवेशियों की दबकर मौत

Read Next

नाहन में पुरानी पेंशन बहाली को ले कर की गई संकल्प रैली

error: Content is protected !!