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रेणुका को बचपन से क्रिकेट में रुचि रही है। इसी रुचि को देखते हुए पिता भी रेणुका को लड़कों के बीच खेलने के लिए भेजते थे। पिता रेणुका को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उनका सपना रेणुका को कामयाब क्रिकेटर बनता हुए देखने का था। हिमाचल के शिमला जिले की रोहड़ू स्थित पारसा गांव की रेणुका सिंह अब भारतीय टीम से खेलेंगी। रेणुका 12 दिसंबर से आस्ट्रेलिया में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। टीम में रेणुका का चयन बतौर तेज गेंदबाज किया गया है।
दुर्भाग्यवश रेणुका के पिता का बेटी के क्रिकेट स्टार बनने से पहले ही स्वर्गवास हो गया। पिता के गुजर जाने के बाद भी रेणुका ने क्रिकेट खेलना जारी रखा। पारसा गांव के प्रो. भोपिंद्र ठाकुर ने रेणुका की प्रतिभा को देखते हुए धर्मशाला में क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया।रेणुका ने डीएवी धर्मशाला में 9वीं कक्षा में प्रवेश लिया और अकादमी में क्रिकेट के गुर सीखे। रेणुका सीनियर और जूनियर वर्ग की कई क्रिकेट स्पर्धाओं में भाग ले चुकी हैं। इस दौरान रेणुका ने 100 से अधिक विकेट भी झटके हैं। आस्ट्रेलिया में 12 से 25 दिसबंर तक वनडे और टी-20 सीरीज खेली जानी है। प्रियंका की माता सुनीता ठाकुर सिंचाई और जनस्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। उन्होंने रेणुका को क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए धर्मशाला भेजा। बेटी की इस उपलब्धि से सुनीता काफी उत्साहित हैं। रेणुका ने सफलता का श्रेय कोच पवन सेन, प्रो. भोपिंद्र ठाकुर और अभिभावकों को दिया है।
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