News portals -सबकी खबर (हरिपुरधार )
भारी बर्फबारी के चलते सड़क मार्ग बंद होने से नौहराधार क्षेत्र की दुर्गम पंचायत गेहल के बढिच गांव के दो मरीजों को समय रहते अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, जिसके चलते दोनों का निधन हो गया। सोमवार को भी बर्फबारी के बीच ही दोनों की चिताएं एक साथ जलीं। 36 वर्षीय हरि चंद उर्फ टिंकू को हार्ट अटैक आया था, जबकि शांति देवी को पैरालाइज का अटैक आया था। हरि चंद ने रविवार देर शाम पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ा, जबकि शांति देवी का पंचकूला के आर्मी अस्पताल में रविवार देर रात को निधन हो गया। एक साथ दो लोगों की मौत होने से पूरे बढिच गांव में मातम छा गया। हरि चंद को 11 जनवरी को दोपहर 12 बजे हार्ट अटैक आ गया था। परिजन व गांव के लोग बांस के डंडों की सीढ़ी बनाकर उसे बर्फ के बीच छह किलोमीटर पैदल चलकर थियानबाग तक लाए थे।
वहां से उसे जेसीबी मशीन में बिठाकर सीएचपी हरिपुरधार अस्पताल पहुंचाया गया। सीएचसी से उसे आईजीएमसी रैफर किया गया था। सड़कें बंद होने के कारण एंबुलेंस सेवा न मिलने के कारण हरि चंद को जेसीबी मशीन से ही नौहराधार तक पहुंचाया गया। नौहराधार से उसे एंबुलेंस से सुल्तानपुर ले जाया गया, जहां से डाक्टरों ने उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया। हरि चंद को पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाने में लगभग 10 घंटे का समय लग गया। पीजीआई पहुंचते ही डाक्टरों ने उसे बचाने का भरसक प्रयास किया, मगर उसका 99 फीसदी रक्त संचार बंद हो गया था, जिस कारण रविवार देर शाम हरि चंद ने दम तोड़ दिया। डाक्टरों ने परिजनों को बताया कि यदि मरीज को तीन सं चार घंटे के भीतर पहुंचाया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
उधर, बढिच गांव की ही शांति देवी को नौ जनवरी को पैरालाइज का अटैक पड़ गया था। उसे भी लोग चारपाई पर उठाकर बर्फ पर पैदल चलकर हरिपुरधार लाए थे। वहां से उसे आईजीएमसी शिमला रैफर किया गया था, मगर परिजन उसे आर्मी अस्पताल पंचकूला ले गए, जहां पर रविवार को देर शाम उनका निधन हो गया। बहरहाल इस बेरहम मौसम ने व सड़कें बंद होने की वजह से दो लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा, जिसका गम परिजन कभी नहीं भूल पाएंगे
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