31 मार्च तक जानबूझकर कुछ एक प्रधानाचार्य द्वारा वेतन नहीं निकाला गया । जानबूझकर उपरोक्त अध्यापकों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान ।
News portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
संयुक्त बयान देते हुए राज्य चेयरमैन एसएमसी अध्यापक संघ व जिला सिरमौर के अध्यक्ष राजेश भारत ,राज्य सचिव रायसिंह ,जिला महासचिव सिरमौर सतीश कंवर, जिला उपाध्यक्ष जयदीप पुंडीर व अरुण चौहान ,जिला सचिव किरण व कोषाध्यक्ष संदीप ठाकुर ने कहा कि सेवा विस्तार में देरी और करोंना महामारी के बीच हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे 2630 एसएमसी अध्यापक आपने परिवार का पालन पोषण करने को तरसे। यह स्वाभाविक भी है जहां 2630 s.m.c. अध्यापकों के पास कोई और साधन नहीं है अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वहां सरकार और उच्च अधिकारियों की लापरवाही की वजह से उपरोक्त अध्यापकों को समय पर सेवा विस्तार ना मिलने तथा स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा अध्यापकों का मार्च तक का वेतन होने के बावजूद भी उसे ना निकालना यह एक दुर्भाग्य है |
जहां शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए एसएमसी अध्यापक दूरदराज क्षेत्र में ऐसे क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जहां पिछले सात-आठ वर्षों से कोई जाने के लिए तैयार नहीं वहां आज भी यह सभी अध्यापक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम इन अध्यापकों के भविष्य के लिए नहीं उठाए गए हैं एक और जहां विश्व के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है और हम सभी अध्यापकों और अन्य सभी लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है | घर से ना बाहर निकले और दूसरी तरफ दिसंबर के बाद सेवा विस्तार ना होने के कारण तथा जिन अध्यापकों का मार्च तक का वेतन स्कूलों के डीडियो अकाउंट में पड़ा है |वहां प्रधानाचार्य की मनमानी के कारण उसे नहीं निकाला गया तो यह बड़ा ही चिंतनीय विषय है। एसएमसी अध्यापक संघ राज्य चेयरमैन व जिला सिरमौर के अध्यक्ष राजेश भारत ने जानकारी दी कि अधिकतर स्कूल में सेवा विस्तार ना होने के कारण वेतन नहीं मिला है परंतु कुछ एक स्कूल में जहां अध्यापक वर्ग का सेवा विस्तार का समय 31 मार्च तक है वहां पर जानबूझकर कुछ एक प्रधानाचार्य द्वारा वेतन नहीं निकाला गया। तथा जानबूझकर उपरोक्त अध्यापकों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस विषय में जब हमने उप निदेशक उच्च शिक्षा सिरमौर से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी पीजीटी को वित्तीय वर्ष 2019 -20 अर्थात मार्च 2020 तक का वेतन सरकार द्वारा सभी स्कूलों को दिया गया है इसलिए वह सभी निकाल सकते हैं परंतु माध्यमिक शिक्षा का बजट सेवा विस्तार ना होने के कारण दिसंबर के बाद सरकार द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है फिर भी कुछ एक स्कूलों में जानबूझकर अध्यापकों का वेतन रोका गया तथा अन्य अध्यापकों को सेवा विस्तार ना होने के कारण अभी तक दिसंबर के बाद वेतन नहीं मिला है जिससे जहां हिमाचल प्रदेश के 2630 अध्यापक इस समस्या से जूझ रहे हैं वहीं जिला सिरमौर में 500 से अधिक अध्यापक आज अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए चिंतित है राजेश भारत ने कहा कि इस विषय को लेकर हमने माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश व माननीय शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश को भी पत्र लिखा है जिसमें उपरोक्त अध्यापकों को जल्द ही राहत प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया है तथा उन्होंने एक बार पुनः सरकार व उच्चाधिकारियों से आग्रह किया कि जिन अध्यापकों का मानदेय है अभी तक नहीं दिया गया है उन्हें मार्च तक का मानदेय जल्द दिया जाए इसके अतिरिक्त सरकार उपरोक्त अध्यापकों के भविष्य को देखते हुए जल्द ही सेवा विस्तार करें और सभी अध्यापकों को 3 महीने का वेतन जल्द से जल्द प्रदान कर अध्यापकों की सहायता करें। ताकि सभी अध्यापक अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सके तथा सरकार द्वारा दिए जा रहे सुझाव के अनुरूप सभी अपने अपने घर के अंदर ही सुरक्षित रहे और वह चिंता मुक्त हो जाए। अतः सभी उपरोक्त पदाधिकारी द्वारा जल्द ही अपनी समस्याओं का समाधान व भारत को वैश्विक महामारी से उभरने के लिए प्रार्थना की।
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