News portals -सबकी खबर (मंडी) हिमाचल प्रदेश में कॉटन कैंडी बनाने और बेचने पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के मेला मैदान पड्डल में बाहरी राज्यों के व्यापारी इस कॉटन कैंडी को बेखौफ होकर बेच रहे हैं। वहीं हैरानी की बात तो यह है कि लोग अभी भी बेखबर होकर इस कॉटन कैंडी को खरीद रहे हैं। मेला मैदान में छोटे छोटे बच्चे इसको खरीद रहें हैं आर अभिभावक भी बड़े चाव के साथ इन कॉटन कैंडी को खरीदकर अपने बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि मंडी जिला से ही कॉटन कैंडी का सैंपल सबसे पहले भेजा गया था।इसके बाद सोलन, शिमला और बिलासपुर समेत अन्य जगहों से भी इसके सैंपल उठाए गए थे। सैंपलों के फेल होने के बाद प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रभाव से इस पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगाया दिया है। परंतु मेलों में यह कॉटन कैंडी अभी भी बिक रही है। लोगों और ना ही इन कॉटन कैंडी बेचने वालों को इस प्रतिबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं अभिभावक भी बेखबर होकर अपने बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं। अभी भी इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। बता दें कि इस कॉटन कैंडी में खतरनाक रंगों का किया इस्तेमाल किया जस रहा था, जिससे लोग बीमार पड़ रहे थे। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से कॉटन कैंडी के नमूनों की जांच करने पर यह पाया गया है कि इन उत्पादों में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले गैर अनुमति और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक संभावित खतरनाक रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कॉटन कैंडी के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण में स्पष्ट रूप से अनधिकृत रंग पदार्थ की उपस्थिति का खुलासा हुआ है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में कॉटन कैंडी में इन गैर अनुमति के रंगों की व्यापक पहचान सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है।
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