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November 23, 2024

प्रदेश में लागतार दवाओं के सैंपल फेल ,72 मामलों में दवाओं के उत्पादन के लिए विभाग द्वारा लाइसेंस निलंबित

News portals-सबकी खबर (शिमला )

प्रदेश में लागतार दवाओं के सैंपल फेल होने पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। 2019-20 में विभाग ने मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए 82 नमूनों के लिए कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। इनमें से 72 मामलों में इन दवाओं के उत्पादन के लिए विभाग द्वारा लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। एक मामले में उत्पादन एक कंपन अनुमति का लादसेंस रद्द कर दिया गया है। चार मामलों में उत्पाद का दोबारा परीक्षण किया जाना है। वहीं चार अन्य मामलों में विभाग की ओर से कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एक कंपनी ने उत्पादन बंद कर दिया है। यह जानकारी उप दवा नियंत्रक बद्दी मनीष कपूर ने दी।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश को दवा उद्योग का हब माना जाता है और सोलन जिला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में प्रदेश की अधिकांश दवाओं का उत्पादन होता है। विभिन्न नियमों एवं मानक परिचालन प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य में उत्पादित दवाओं की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो। प्रदेश में कुल दवा उत्पादन का 33 प्रतिशत उत्पादित किया जा रहा है। इन सभी दवा निर्माता कंपनियों का समय-समय पर दवा गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण किया जाता है।
बंद हुई कंपनी-
डिजिटल विजन कला अंब

हिमाचल की कंपनियां जिनकी दवाओं के सैंपल फल हुए-
लाइफ विजन हेल्थकेयर
सपास रेमेडीज
आईबीएन हर्ब्स
टेरेस फार्मास्यूटिकल
जीडएस फार्मास्यूटिकल
थियोन फार्मास्यूटिकल
लिगन फार्मास्यूटिकल
सनवेट हेल्थकेयर
एचएल हेल्थकेयर
टोरेंट फार्मा
एलिन
टाइटेंज
सिपला
वी लैबोरेट्रीज
मेडिपोल
स्कॉट एडिल
अलगेन हेल्थकेयर
बोफिन बॉयोटेक
सिम्बोसिस फार्मास्यूटिकल
अथिनज लाइफ साइंसिज
उप दवा नियंत्रक ने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से नियमित रूप से क्षेत्र में दवाओं के नमूने एकत्र किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देश तथा केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के नियमों के अनुसार अप्रैल 2019 से मार्च 2020 की अवधि में देश में निर्मित होने वाली दवाओं के 13 हजार 610 नमूने एकत्र किए गए। परीक्षण के उपरांत इनमें से 398 नमूने मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि इन 398 दवा नमूनों में से 82 नमूने हिमाचल प्रदेश में स्थापित दवा कंपनियों के थे।

उप दवा नियंत्रक ने कहा कि निरीक्षण कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर दवा उत्पादन कंपनियों का निरीक्षण करते रहें। ऐसी दवा कंपनियों पर विशेष ध्यान दिया जाए जिनकी दवाओं के नमूने मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में 123 दवाओं के नमूने गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए थे। जबकि इस वर्ष यह संख्या घटकर 82 हो गई है। यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी दवाओं की गुणवत्ता मानक अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता में कमी उचित भंडारण क्षमताओं का न होना भी हो सकती है। इस दिशा में भी समुचित कदम उठाए जा रहे हैं।

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