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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के दस उद्योगों में निर्मित 27 तरह की दवाएं गुणवता मानकों पर खरी नहीं उतर पाई है। प्रदेश में बनीं 27 समेत देशभर की 83 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। सब-स्टेंडर्ड पाई गई दवाओं का निर्माण पावंटा साहिब, कालाअंब, बद्दी, झाड़माजरी, नालागढ़ स्थित यूनिट में हुआ है। कालाअंब की एक ही कंपनी निक्सी लैबोरेटरी के 14 सैंपल फेल हुए हैं।इन दवाओं में जनरल एनेस्थीसिया, अल्सर, बुखार, संक्रमण, निमोनिया और बीपी की दवाएं शामिल हैं। नवंबर में देशभर में 1,487 दवाओं के सैंपल लिए थे।इनमें 83 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। इनमें सोलन के 12 और सिरमौर के 15 सैंपल शामिल हैं। सोलन के बद्दी की एंज लाइफ साइंस की उच्च रक्तचाप की टेलमीसार्टन और बुखार के पैरासिटामोल, बद्दी की मोरपिन लैबोरेटरी की जिंक की कमी को दूर करने वाले जिरकोफाइन के दो सैंपल, सोलन के सीबी हेल्थकेयर की संक्रमण की दवा जेनमेक्स प्लस के दो सैंपल, बद्दी के मानपुरा स्थित अल्ट्रा ड्रग कंपनी की संक्रमण की सेफ्पोडॉक्सिम, झाड़माजरी की यूनिटेल फार्मुलेशन कंपनी की निमोनिया के सेफ्ट्रियक्सोने इंजेक्शन, झाड़माजरी की गोपाल लाइफ साइंस की बुखार की दवा पैरासिटामोल, बद्दी की हिल्लर लैब कंपनी की अल्सर की दवा रेबेप्राजोल, पांवटा की जी लैबोरेटरी की दौरे और दर्द की दवा गाबापेंटिन, बद्दी की हिल्लर लैबोरेटरी की जोड़ों की दर्द की टॉलपेरीसोन, झाड़माजरी स्थित स्कॉडेडिल फार्मा कंपनी की कब्ज की दवा बिसाकोडाइलऔर सिरमौर जिले के कालाअंब के ओगली स्थित कंपनी निक्सी लैबोरेटरी की जनरल एनेस्थीसिया की दवा प्रोपोफोल के सैंपल फेल हुए हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि जिन दवा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी किए हैं। स्टॉक बाजार से वापस लाने को कहा है। केंंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने नंबवर माह में देश के अलग अलग राज्यों से 1487 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे जिनमें से जांच के दौरान 83 दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई है, जबकि 1404 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही निकली है।इसके अलावा राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण व सीडीएससीओं के अधिकारी उन दवा इकाईयों का निरिक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे, जिनके सैंपल बार बार फेल हो रहे है।
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