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लंदन, वाशिंगटन, पेइचिंग – दुनियाभर में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच ब्रिटेन, अमरीका और चीन से तीन अच्छी खबरें आई हैं। ब्रिटेन में कोरोना वायरस की दूसरी वैक्सीन बनकर तैयार हो गई है और बुधवार से इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। उधर, अमरीकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन एमआरएनए-1273 के तीसरे चरण का ट्रायल अगले महीने शुरू होने जा रहा है, जिसमें 30 हजार लोग हिस्सा लेंगे। इस बीच चीन की कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन लगने के बाद 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के इंपीरियल कालेज की वैक्सीन बनकर तैयार हो गई है और बुधवार से उसका परीक्षण हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह वैक्सीन कारगर पाई गई तो इसे करीब 300 रुपए में उपलब्ध करा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि पहले चरण में 120 लोगों को यह टीका दिया जाएगा। इस वैक्सीन के प्रभारी प्रोफेसर रॉबिन शटॉक ने कहा कि उनकी टीम इस टीके को बेहद सस्ता रखने की कोशिश कर रही है, ताकि बेहद कम दाम पर ब्रिटेन की पूरी आबादी को टीका लगाया जा सके। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो दूसरे चरण में 6000 लोगों को यह टीका लगाया जाएगा। हालांकि प्रोफेसर रॉबिन ने स्पष्ट किया कि अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक चलता रहा तो यह वैक्सीन वर्ष 2021 के पहले नहीं आ पाएगी। उधर, ब्रितानी सरकार को उम्मीद है कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन इस साल सितंबर महीने तक तैयार हो जाएगी।
अमरीकी कंपनी के टीके का अगले माह तीसरा परीक्षण
इस बीच अमरीकी कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल जुलाई में शुरू होने जा रहा है। अमरीका के मैसाच्युसेट्स में स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स की यह वैक्सीन इनसानों की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करेगी। तीसरे चरण में अमरीकी कंपनी 30 हजार लोगों को यह वैक्सीन दी जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि क्या यह वैक्सीन लक्षणों पर आधारित कोरोना वायरस को रोकने में कारगर है या नहीं। साथ ही यह देखा जाएगा कि क्या यह वैक्सीन गंभीर मरीजों को ठीक करने में प्रभावी है या नहीं। मॉडर्ना ने कहा कि वह वर्ष 2021 तक हर साल एक अरब वैक्सीन बनाने के लिए तैयारी कर चुकी है।
चीन की वैक्सीन का 90 फीसदी लोगों पर पॉजिटिव रिजल्ट
चीन की एक कंपनी ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इनसानों पर ट्रायल से मिले डाटा को पॉजिटिव बताया है। पेइचिंग की सिनोवैक बायोटेक का कहना है कि उसकी वैक्सीन सुरक्षित है और इम्यून रिस्पॉन्स शुरू करने में सफल है। कोरोनावैक नाम की इस वैक्सीन ने ट्रायल में हिस्सा लेने वालों में दो हफ्ते बाद वायरस को न्यूट्रलाइज करने वाली एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर दिया। अच्छी बात यह है कि किसी में भी साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए हैं। ट्रायल ईस्टर्न चाइना के जिंग्यासू प्रोविंशल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन में किया गया। अब तक यहां 18-59 की उम्र के 743 स्वस्थ लोगों को शेड्यूल पर शॉट्स या प्लसीबो दिया जा चुका है। इसमें से 143 वॉलंटिअर पहले चरण में हिस्सा ले रहे हैं जिनमें वैक्सीन की सुरक्षा जांची जा रही है। इसमें वायरस के डेड स्ट्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब 90 प्रतिशत लोगों में इस वैक्सीन के पॉजिटिव परिणाम आए हैं। सिनोवैक के सीईओ वेइडॉन्ग यिन ने बताया कि पहले-दूसरे चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है और इम्यून रिस्पॉन्स पैदा कर रही है।
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