News portals-सबकी खबर (शिमला )
बहुचर्चित कसौली गोलीकांड के बाद अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले एक दर्जन पुलिस कर्मियों को तय सेवाकाल से पांच साल पहले रिटायर करने की सजा दी गई है। विभागीय जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद पुलिस विभाग ने यह सजा दी है। जिन पुलिस कर्मियों को सजा मिली है, उनमें इंस्पेक्टर, दो एसआई, एक हेड कांस्टेबल, एक मानद हेड कांस्टेबल और 7 कांस्टेबल शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि पहले विभागीय जांच पूरी होने के बाद एसपी स्तर के जांच अधिकारी ने माइनर सजा दी थी। कुछ कर्मियों ने माइनर सजा के खिलाफ उच्चाधिकारियों से अपील कर दी। दलील दी कि दूसरे विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, ऐसे में पुलिस कर्मियों को भी बख्श दिया जाए। आला अधिकारियों ने विभागीय जांच में लापरवाही के सभी आरोप सही पाए जाने पर ध्यान केंद्रित किया।
ऐसे में पुलिस के अपील अधिकारी ने जबरन रिटायर करने की सजा की सिफारिश कर दी। मामले में आईजी ट्रेनिंग हिमांशु मिश्र ने सभी दोषियों से अंतिम नोटिस देकर जबरन रिटायर करने पर अंतिम जवाब मांगा। आरोपियों के जवाब के बाद जबरन रिटायर की सजा कम कर तय सेवाकाल से पांच साल पहले रिटायर करने की सजा दी गई।
यह है मामला
कसौली में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अवैध निर्माण गिराने के दौरान 1 मई 2018 को हुई गोलीबारी में टीसीपी की महिला अफसर और लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी। घटना के वक्त पुलिस भी मौजूद थी।
आरोपी गोलियां दागकर पुलिस के सामने फरार हो गया था। कुछ दिन बाद उसे गिरफ्तार किया, लेकिन जांच में पता चला कि गोलीकांड के बाद कानून व्यवस्था संभालने के दौरान जरूरत के मुताबिक असलहा लेकर न जाना, महिला अधिकारी को गोली मारकर भागने वाले अपराधी के विरुद्ध असलहा इस्तेमाल न करना, महिला अधिकारी की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों द्वारा लापरवाही की गई।
यही नहीं, घर और नाके पर चेकिंग कर रहे पुलिस कर्मियों द्वारा भी लापरवाही बरती गई। इसकी वजह से आरोपी रात में जंगल से पहले घर आकर असलहा छिपा गया और फिर नाके पर बिना चेकिंग के ही प्रदेश से बाहर निकल गया।
Recent Comments