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November 23, 2024

संगड़ाह में 265 बीघा खनन क्षेत्र से बिना वजन किए निकल रहे कई ओवरलोडिंग ट्रक ।

News portals – सबकी खबर(संगड़ाह)


हादसे को नेवता दे रहे ओवरलोडिंग ट्रक अब रुकने का नाम ही नही ले रहे है । ओवरलोडिंग ट्रको का बिना वजन करने की व्यवस्था न होने के चलते क्षेत्र में हो रहा है धले से ओवरलोडिंग उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह के तीन किलोमीटर की परिधि में करीब 265 बीघा भूमि पर मौजूद चुना खदानों से हर रोज बिना वजन किए तीन दर्जन के करीब पत्थर के ट्रक बेरोकटोक निकल रहे हैं।

बता दे कि संघडाह के मुख्य बाजार से निकलने वाले लाइमस्टोन के कईं ओवरलोडेड ट्रकों की तस्वीरें हालांकि यहां लगे दुकानदारों व विभिन्न संस्थानों के सीसीटीवी कैमरों में भी देखी जाती है, मगर यहां गाड़ियों के वजन करने की व्यवस्था न होने के चलते विभाग के अनुसार चालान नहीं किए जा सकते हैं। लाइमस्टोन से लदे ट्रकों के पास मौजूद माइनिंग फार्म अथवा डब्ल्यू स्लिप में वेट संबंधी कालम खाली रखा जाता है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। क्षेत्र के स्वंयसेवी संगठनों के अनुसार हालांकि उक्त कालम खाली रखे जाने पर नियमानुसार चालान किया जा सकता है, मगर सूत्रों के मुताबिक 1980 के दशक से अब तक ऐसा नहीं हुआ। संबंधित पुलिस अधिकारियों के अनुसार यहां धर्म कांटा न होने के चलते ऐसे ट्रकों का चालान नहीं की जा सकता।

उपमंडल संगड़ाह की तीन लाइमस्टोन माइन के इंजीनियर डीके सिन्हा के अनुसार संगड़ाह के आसपास धर्म कांटा न होने के चलते गाड़ी को अंदाजन क्षमता के अनुसार लोड किया जाता है। उन्होंने कहा कि, संगड़ाह से 26 किलोमीटर दूर ददाहू तथा बड़ग में कांटे मौजूद है।

वही थाना प्रभारी संगड़ाह जीत राम ने बताया कि, क्षेत्र में धर्म कांटा न होने के चलते यहां ओवरलोडेड अथवा वजन के हिसाब से ट्रकों के चालान नहीं की जा सकते। उन्होंने कहा कि, चुना खदानों से निकलने वाले ट्रकों के पास मौजूद डब्ल्यू फार्म में पत्थर का वेट नहीं लिखा जा रहा है। जिला खनन अधिकारी सिरमौर एस चंद्र के अनुसार गाड़ियां ओवरलोड होने अथवा इनके वजन के रिकॉर्ड संबंधी मामले पुलिस अथवा परिवहन विभाग देखते हैं। उन्होंने कहा कि, क्षेत्र की सभी चूना खदानों पर नियमानुसार सही ढंग से काम चल रहा है।

वही नागरिक उपमंडल में कुल 782 बीघा के करीब भूमि पर सरकार द्वारा खनन कार्य की अनुमति दी गई है, मगर यहां माइनिंग अथवा अवैध खनन की जांच के लिए माइनिंग गार्ड, धर्म कांटा व लीज एरिया की जीओ टैगिंग जैसी मूलभूत व्यवस्था तक नही है। यहां मौजूद लाइमस्टोन माइन्स तथा चूना पाउडर फैक्ट्रियों की बदौलत हर साल सरकार व खनन व्यवसायियों को लाखों की आमदनी हो रही है।

संगड़ाह कॉलेज के समीप मौजूद गुप्ता हिमालय माइन व नाहन मार्ग पर स्थित वालिया माइन संगड़ाह तथा दुर्गा माइन से पत्थर के ओवरलोड ट्रक बिना वजन जांच के निकल रहे हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्था सारा के पदाधिकारियों तथा पर्यावरण प्रेमी बबलू चौहान द्वारा क्षेत्र में अवैध वैज्ञानिक खनन को लेकर इस साल कईं शिकायतें प्रदेश सरकार तथा संबंधित विभागों को भेजी जा चुकी है।

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