News portals-सबकी खबर (शिलाई )
शासन के आशवासन पर बाजार वासियों ने बंदोबस्त विभाग व राष्ट्रिय राजमार्ग के खिलाफ निकाली जाने वाली रोष रेली को फिलहाल स्थगित कर दिया है दरअसल दोनों ही विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर मनमानी व स्थानीय लोगों की नजरो से बचकर मोका कार्य कर रहे थे जिसपर बाजार वासियों ने एतराज जताया तो विभागीय कर्मचारी मनमानी पर उतर आए तथा अधिग्रहण से सम्बन्धित कोई भी जानकारी जनता को नही बता रहे है गुस्साए लोगों ने पहले सरकार को शिकायत पत्र भेजा और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की मुहीम बनाई, जिसे अगले तीन दिनों के लिए स्थगित किया गया है!
बाजार वासियों ने अक्टूबर माहं में अपनी आपतियों को भूतल परिवहन मंत्रालय, परियोजना निदेशक सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग, भू अधिग्रहण अधिकारी व उपमंडलाधिकारी शिलाई को अक्टूबर माहं में दी गई है लेकिन जनता की मांग को सात माहं बाद भी सम्बन्धित अधिकारीयों व विभागों ने वर्तमान समय तक अनदेखा किया है जिसके बाद प्रशासन व जनता के बीच तनातनी का माहोल हो गया है!
शिलाई बाजार के अंदर अधिकांश सड़क पहले ही खुली है यदि बराबरी से अधिग्रहण किया जाए तो अधिक नुक्सान किसी भवन मालिक को नही होने वाला है लेकिन बंदोबस्त विभाग की मर्जी के आगे जनता की मांग बोनी नजर आ रही है विभागीय सूत्रों की माने तो बंदोबस्त विभाग ने जनता को विश्वास में नही लिया है, अपनी मर्जी से रोड मेप तेयार करके सम्बन्धित विभाग को भेज दिया है रोड मेप को राज्य राजमार्ग से विपरीत बनाया गया है जिस आधार पर दर्जनों निजी भवन टुट जाएगें, इतना ही नहीं बल्कि दिसम्बर २०१९ में जयपुर की निजी कपनी की रिपोर्ट को भी गायब किया गया है जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को बनाने का आधार माना जाता है!
अटकले ऐसी है कि राष्ट्रियराज मार्ग, बंदोबस्त विभाग व कार्य करने वाली कंपनियों की मिलीभगत से ऐसा हुआ है तथा कुछ कर्मचारियों को टेबल के निचे मोटी रकम दी गई है मोका पर हुई विभागीय कार्यवाही को देखते हुए बात पर गौर करना अनिवार्य हो जाता है!शिलाई बाजार वासियों में रविन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, रतन सिंह तोमर, प्रदीप चौहान, कुंदन सिंह शर्मा, शुपा राम, इन्दर चौहान, विरेन्द्र नेगी, अतर सिंह, बबलू कटोच, श्याम सिंह, ओमप्रकाश, उजागर राणा, दिनेश नेगी यशवंत नेगी, प्रताप चौहान, नरेंद्र तोमर, पंचराम चौहान, वृजलाल चौहान, विक्रम चौहान, विरेन्द्र राणा, जगत सिंह, धर्म सिंह ने बताया कि विभागीय कर्मचारियों की मनमानी भारी पड़ रही है, कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है, इससे नकारा नही जा सकता है इसलिए जांच जरुरी है, आंदोलन को प्रशासन के आशवासन पर रोक दिया गया है, तीन तीनों बाद यही प्रशासन कार्यवाही नही करता है तो आंदोलन किया जाएगा, अधिकारीयों व कर्मचारियों के खिलाफ सड़कों पर नारेबाजी की जाएगी, यदि फिर भी सुनवाई न हुई तो भूख हड़ताल के साथ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा!
कार्यकारी उपमंडलाधिकारी व तहसीलदार शिलाई निशा आजाद ने मामले पर बताया कि १९ मार्च को शिलाई विश्रामगृह में राष्ट्रिय राजमार्ग परियोजना निदेशक व भूमि अधिग्रहण अधिकारी आम जनता की शिकायतों को मध्यनजर रखते हुए पंहुच रहे है! इसलिए सभी लोग विश्रामगृह शिलाई में अपनी उपस्थिति निश्चित करें, ताकि सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक रखा व सुना जा सकें!
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