News portals-सबकी खबर (शिलाई)
National Highway-707 पर बोराड़ के समीप मंगलवार को 1 बार फिर Landslide के चलते दिन भर यातायात व्यवस्था ठप्प रही और इसी माह यहां 3rt Time भारी भूस्खलन हो चुका है। करीब 1356 करोड़ ₹ की लागत के इस मार्ग के निर्माण में अनियमितताओं, Illigal Dumping, पेड़ो के नष्ट होने व Unscientific cutting आदि को लेकर Construction companies व NH authority के अधिकारियों की प्रभावित ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों व Government से शिकायतें की जा चुकी है, मगर हालात जब के तस है।गत 17 जनवरी को करीब 151 KM के पांवटा-शिलाई-हाटकोटी NH पर मिनस के समीप 3 मजदूर दब चुके हैं। इस राजमार्ग के मुद्दे पर CM के करीबी Shillai के Ex MLA व वर्तमान Congress विधायक की चुप्पी भी हल्के में चर्चा में हैं। गत 12 दिसंबर को संपन्न विधानसभा Election से पूर्व कफोटा में आयोजित 1 जनसभा में Congress उम्मीदवार हर्षवर्धन चौहान ने CM के करीबी कहलाने वाले अपने प्रतिद्वंद्वी BJP Condidate बलदेव तोमर पर BDO शिलाई के माध्यम से भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें हिमाचल का सबसे बड़ा दलाल तक कह डाला था, मगर अरबों के NH 707 की बदहाली पर मौन रहे।अब इलाके में चर्चे इस बात के हैं कि, BDO के माध्यम से पंचायतों में होने वाले छोटे-मोटे 2-3 लाख के विकास कार्यों में CM के करीबी तोमर के लिए खुद ही जांच अधिकारी बने Congress MLA को हर माह 3-4 बार अवैज्ञानिक खुदाई व कट एंड सील नियम की अवहेलना से हो रहे भूस्खलन से बंद होने वाले बदहाल NH-707 में लोगों की शिकायतों व 3 मजदूरों की मौत के बावजूद क्यों सब कुछ सही दिखा। उक्त सड़क निर्माण कार्य कर रही कंपनियों व राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही व ज्यादा कमाई की चाह में यहां करीब 2 साल से बार बार मानव निर्मित भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। इस मामले की शिकायतें करने वाले ग्रामीणों के अनुसार कंपनी द्वारा पहाड़ के निचले हिस्से में Undercut लगाए जाने के बाद पहाड़ी धंसने का इंतजार किया जाता है और सड़क बंद होने पर मलवा घासनियों अथवा जंगल में डंप करने का बहाना मिल जाता है। Landslide के चलते न केवल हजारों पेड़-पौधे नष्ट हो चुके हैं, बल्कि पेयजल व सिंचाई के स्रोत्रों के साथ साथ ग्रामीणों की घासनियों व खेतों को भी नुकसान पहुंचा है। इतना ही नही सड़क बंद होने पर इस राजमार्ग पर वाहनों की लम्बी कतारें लग रही है और किसान जहां अपनी फसलों को मंडियों तक न पहुंचा पाने से नुकसान झेल रहे हैं, वहीं Ambulance सेवा बंद रहने के दौरान मरीजों की जान पर बन आती है।
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