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उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत गिरिपार क्षेत्र में जहां सरकारी स्कूलों में 60 फीसदी से ज्यादा स्टाफ का टोटा है, वहीं कई ऐसी पाठशालाएं हैं जो क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। पाठशालाएं किराए के कमरों में चल रही हैं। शिक्षा खंड संगड़ाह के अंतर्गत शिलाहन में भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। बच्चे महिला मंडल भवन में शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं। डेढ़ वर्षों से इस पाठशाला के लिए धनराशि का प्रावधान नहीं किया गया है। जिला के अधिकतर स्कूल ऐसे हैं जहां स्कूल भवन में पढ़ाई के लिए एक ही कमरा है। पहली से लेकर पांचवी तक छात्र-छात्राएं एक ही कमरें में बैठने के लिए मजबूर हैं। शिक्षा खंड नौहराधार के अंतर्गत प्राथमिक पाठशाला पीपली व चुनवी में बच्चों के लिए मात्र एक-एक कमरा है।
सभी कक्षाएं एक ही कमरे में बिठाई जाती हैं। बता दें कि प्राथमिक कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां पर एक भी अध्यापक नहीं है जो डेपुटेशन पर चले हैं। अन्य स्कूलों से डेपुटेशन पर टीचरों को भेजा जाता है। आखिर क्यों दुर्गम क्षेत्रों में अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जाती यह एक सोचने का विषय बन चुका है। बता दें कि शिक्षा खंड नौहराधार व शिक्षा खंड संगडाह के अधीन 60 फीसदी स्कूल एक-एक अध्यापक चला रहे हैं। शिक्षा खंड अधिकारी संगड़ाह रविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि शिलाहन स्कूल का विभागीय निरीक्षण कर दिया गया है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। इस बारे एसडीएम संगड़ाह को भी अवगत करवा दिया गया है। जहां पर स्कूल खाली हैं उसकी रिपोर्ट भी समय-समय पर उच्चाधिकारी को भेज दी जाती है। उधर, बीआरसी नौहराधार वीरभद्र नेगी ने बताया कि जो स्कूल खाली हैं वहां के लिए प्रतिनियुक्ति पर अध्यापक को भेजा जा रहा है। जो स्कूल किराए पर चलाए जा रहे हैं तथा जहां पर एक-एक कमरा है उसके लिए धनराशि आ चुकी है।
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