Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

शिरगुल महाराज मंदिर खरोटियों मे खुनेवड़़ रस्म के साक्षी बने सैंकड़ो क्षेत्रवासी, मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद हुआ शांत यज्ञ,Traditional वाद्ययंत्रों की ताल पर श्रदालुओं ने किया शिरगुल देवता का जयघोष

News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)

उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले हरिपुरधार के समीप गांव खरोटियो में शिरगुल देवता Temple के पुनर्निर्माण का काम पूरा होने के बाद बुधवार को यहां religious अनुष्ठान शांत का आयोजन किया गया। अनुष्ठान के दौरान मंदिर पर Khunewar चढ़ाने की परंपरा मे सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। निर्माण कार्य पूरा होने पर यहा 5 दिनो तक धार्मिक रस्मे निभाई गई। मंदिर के शांत यज्ञ में खड़ाह गांव से शिरगुल देवता के छोटे भाई बिजट देवता को भी आमत्रित किया गया था और उनके साथ भी काफी श्रदालु पंहुचे। प्रातः 11 बजे मंदिर में खुनेवड़ लगाने की रस्म शुरू हुई। इस दौरान पारंपरिक बाध्ययंत्र दमेनू, ढोल व शहनाई आदि की ताल पर सैकड़ो लोगों ने लिंबोर कहलाने वाले देवता के जयघोष के साथ देवदार के पेड़ को तराशकर बनाई जाने वाली खुनेवड़ को जंगल से मंदिर तक लाया और देवता के जयकारे से माहौल भक्तिमय बना दिया।

इस दौरान पुजारी अथवा गुर के साथ कईं भक्त भी देवता के वश मे होकर कूदते व खेलते देखे गए। सिरमौर व शिमला District के प्राचीन मंदिरों मे सदियों से मंदिर निर्माण अथवा जीर्णोद्धार पर इस अंतिम रस्म को पूरा किया जाता है और इसके बाद धाम अथवा भंडारे की भी व्यवस्था की जाती है। स्थानीय ग्रामीण विनय छींटा, रणवीर व यशपाल आदि ने बताया कि, वर्ष 2019 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया था मगर Corona काल के चलते करीब 2 साल कार्य बाधित रहा। ग्रामीणों ने सबके सहयोग से इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर दिया। इसके साथ मौजूद में गुगापीर देवता के एक छोटे मंदिर का भी पुनर्निर्माण किया जा चुका है।

Read Previous

पांवटा साहिब : कंडेला पंचायत की भूमिहीन विधवा महिला की गुहार, संपन्न परिवारों को बीपीएल से काटकर पीड़िता को बीपीएल में परिवार दर्ज किया जाए ।

Read Next

सिरमौर : देवदार के 114 पेड़ों के कटान पर Police Station में FIR दर्ज,संबंधित Forest Guard को किया निलंबित

error: Content is protected !!