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हिमाचल के सरकारी डिपुओं में मिलने वाले सस्ते नमक में आयोडीन की मात्रा न के बराबर है। इसका खुलासा आशा वर्करों की ओर से किए एक सर्वे में हुआ है। आशा वर्कर एमबीआई किट से घर-घर जाकर नमक में आयोडीन की मात्रा चेक कर रही हैं, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। डिपो के नमक में कहीं तो आयोडीन की मात्रा 0 फीसदी है तो कहीं 5 से 10 फीसदी है, जबकि यह 15 फीसदी से ज्यादा होनी चाहिए।
हिमाचल के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को घटिया नमक सप्लाई करने के मामले में खाद्य आपूर्ति निगम ने कंपनी को नोटिस जारी किया है। निगम ने आशा वर्कर की ओर से किए गए सर्वे और सैंपल की जांच रिपोर्ट भी मांगी है। गुणवत्ता का पता लगान के लिए सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम ने प्रदेश के विभिन्न राशन डिपुओं से नमक के सैंपल भी लिए। सोमवार को लिए गए नमक के सैंपल की रिपोर्ट 5 दिन के भीतर आएगीखाद्य आपूर्ति निगम ने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राशन डिपुओं से खाद्य वस्तुओं के सैंपल भी लें, जिससे उनकी गुणवत्ता की जांच कर उपभोक्ताओं को बेहतर खाद्य वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा सकें।
इनकी जांच खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग की प्रयोगशाला में करवाई जाएगी। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। हिमाचल में इससे पहले भी नमक के सैंपल फेल हुए हैं।
खाद्य आपूर्ति निगम का दावा है कि उपभोक्ताओं को डबल फोर्टिफाइड नमक दिया जा रहा है। बरसात के चलते नमक में नमी आ जाती है। इससे भी आयोडीन निकल जाता है। यह जांच का विषय है। अगर सप्लाई गलत हुई है तो कंपनी को जुर्माना लगाया जाएगा।
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