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एक डॉक्टर ने रिजाइन दिया, तो दूसरे ने ली छुट्टी
प्रतिनियुक्ति के चिकित्सकों के सहारे चल रहा अस्पताल
नागरिक उपमंडल मुख्यालय पर मौजूद संगड़ाह अस्पताल तथा ब्लाक के 26 हेल्थ सब-सेंटर में स्टाफ की भारी कमी के चलते क्षेत्र की करीब एक लाख की आबादी की सेहत राम भरोसे हैं। सिरमौर जिला प्रशासन अथवा सरकार द्वारा गत माह यहां कोविड सेंटर तो शुरू किया गया, मगर क्षेत्रवासियों की सेहत की तरफ सरकार के साथ-साथ प्रशासन का भी ध्यान नही गया। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यहां तैनात डॉक्टर विकास जहां त्यागपत्र दे चुके हैं, वहीं डॉक्टर ईशा भी उनके पति एवं एसडीएम संगड़ाह के एडीसी कांगड़ा नियुक्त होने के बाद से छुट्टी पर हैं।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक उक्त डॉक्टर भी कांगड़ा में नियुक्ति न होने पर त्यागपत्र दे सकती है। सीएचसी में डॉक्टर के अन्य दो पद पहले से खाली है तथा अब अन्य स्थानों से प्रतिनियुक्त डॉक्टर के सहारे यह अस्पताल चल रहा है। संगड़ाह अस्पताल में तीन की जगह एक मात्र फार्मासिस्ट होने तथा दो एंबुलेंस व तीसरी बीएमओ की गाड़ी के लिए केवल दो चालक होने से 37 स्वास्थय संस्थानों तक दवाएं ले जाने का काम भी प्रभावित हो रहा है। तीन वाहनों में नियमानुसार आठ-आठ घंटे ड्युटी करने के लिए नौ चालक होने चाहिए, मगर यहां केवल दो ड्राइवर है,
जिनमें से एक प्रतिनियुक्ति पर है। स्वास्थ्य खंड संगड़ाह की 41 पंचायतों को सेवाएं दे रहे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले करीब एक दशक से चार की वजाय मात्र दो डॉक्टर देखें जा रहे है तथा गत सप्ताह से एक भी नियमित चिकित्सक नहीं है। विभाग के अनुसार यहां अन्य सीएचसी से कम पद सृजित है। फार्मासिस्ट, चालकों व पैरामेडिकल स्टाफ को लगाकर सीएचसी की स्ट्रेंथ के मुताबिक यहां करीब 70 फीसदी पद खाली हैं। यहां तीन साल से रेडियोलॉजिस्ट न होने के चलते मरीजों को गाढ़ी कमाई खर्च कर प्राइवेट लेब में एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं। क्षेत्र के मरीजों को आपातकालीन स्वास्थय सेवाएं देने वाले इस अस्पताल में गत सप्ताह तक मौजूद मात्र दो चिकित्सकों को यहां अन्य दो पद खाली होने के कारण 12 घंटे के ड्युटी करनी पड़ती थी। यहां मौजूद चिकित्सकों को मरीजों के इलाज के साथ-साथ फिटनेस सर्टिफिकेट, एमएलसी, पोस्टमार्टम व आरकेएस संबंधी कार्य भी देखने पड़ते हैं।
बदहाल स्वास्थय सेवाओं के मुद्दे पर गत वर्ष जनवादी महिला समिति द्वारा दो बार संगड़ाह में विरोध प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं। हाल ही में यहां मौजूद टेलीमेडिसिन कर्मी के तबादले अथवा शिफ्टिंग के आदेश आ चुके हैं तथा उनके स्थान पर कोई नियुक्ति नहीं हुई। स्वास्थ्य खंड संगड़ाह के 26 हेल्थ सबसेंटर में 52 में से 40 स्वास्थय कार्यकर्ताओं के पद खाली है तथा वर्तमान में यहां केवल 12 हेल्थ वर्कर तैनात है। 14 उपकेंद्रों में कोई भी कर्मचारी न होने के चलते ताले जड़े हैं। इतना ही नहीं करीब सात करोड़ का संगड़ाह अस्पताल भवन 9 साल बाद भी तैयार नहीं हो सका तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2011 में इसका शिलान्यास किया था।
खंड स्वास्थ्य अधिकारी संगड़ाह डॉ यशवंत ने कहा कि, यहां खाली पड़े पदों को भरने के लिए विभाग को लिखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि, इन दिनों यहां खंड के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों से दो चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर रखे गए हैं। बीएमओ के अनुसार जिन स्वास्थय उपकेन्द्रो में एक भी डॉक्टर नहीं है, अन्य स्थानों से टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को भेजा जाता है।
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