वोट मांगने आए विधायक, प्रधान व जिला परिषद पद के उम्मीदवार बसिया के घर में सैल्फी भी ले, चुके हैं
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
केंद्र सरकार भले ही हर साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को घर उपलब्ध करवाने पर करोड़ों का बजट खर्च कर रही हों, मगर संबंधित अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से कईं बार ऐसी योजनाएं अंतिम पंक्ति के पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंचती है। ऐसे ही एक जरूरतमंद विकास खंड संगड़ाह की माइना पंचायत के बसिया भी है, जिन पर कल्याणकारी सरकार, उनके वोट मांगने आने वाले लोकप्रिय नेताओं तथा पंचायत प्रतिनिधियों की नजर आज तक नहीं पड़ी। आलम यह है की, आज भी यह बुजुर्ग दम्पति एक टूटी फूटी झोपड़ी अथवा कमरे में तीन पालतू पशुओं के साथ रहने को विवश है।
माइना-कांडों के बसीया राम ने बताया की वह 25 पूर्व अपने परिवार से अलग हुए तो उनके हिस्से में जमीन के छोटे से टुकड़े के अलावा कुछ भी नहीं आया। उक्त जमीन पर बने झोपड़ी नुमा घर में उनके चार परिवार के सदस्य के अलावा दो बकरी और एक गाय भी रहते हैं। बसिया की 65 वर्षीय पत्नी व दो बेटों के पशुपालन में रहने से हिमाचल सरकार तथा सिरमौर प्रशासन की इस पंचायत को खुले में शौचमुक्त घोषित करने की पोल भी खुल चुकी है। शौचालय तो दूर इनकी रसोई, बेडरूम सब यही है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कईं बार यहां वोट मांगने आए विधायक, प्रधान व जिला परिषद पद के उम्मीदवार बसिया के घर में सैल्फी भी ले, चुके हैं मगर आश्वासन और वादों के बाद इन्हें कोई नहीं पूछता। 70 वर्षीय बसिया राम का कहना है कि, इस झोपड़ी में बरसात का पानी और सर्दियों की शीतलहर भी अंदर तक पहुंचती है।
उन्होंने सरकार से मदद मांगी है। हैरानी की बात तो यह है कि, बसिया राम बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं है, जबकि इस वीआईपी पंचायत के बहुमंजिला मकान वाले कुछ लोग बीपीएल कार्ड धारक है। रेणुकाजी वर्तमान विधायक एवं पूर्व सीपीएस विनय कुमार भी इसी गांव व पंचायत के है। उक्त ग्रामीण का हाल जानने धर्मशाला से उनके घर पहुंचे बड़का भाऊ संगठन के समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि, विधायक विनय कुमार विधानसभा परिसर में राज्यपाल व उनके स्टाफ से धक्का मुक्की करने की बजाय इस गरीब परिवार के लिए बीडीओ से धक्का मुक्की करते, तो भी मीडिया की सुर्खियों में रहते। उन्होंने कहा कि, इससे पूर्व उनके पिता यहां के विधायक थे। बड़का भाऊ अथवा संजय शर्मा ने इस बुजुर्ग दंपति को कुछ राशन भी दिया और भविष्य में मदद का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने जिला प्रशासन तथा बीडीओ संगड़ाह को 15 दिन के भीतर इस बुजुर्ग दंपति के आवास की व्यवस्था करने का अल्टीमेटम दिया। बड़का ने चेताया कि, यदि ऐसा न हुआ तो वह बसिया के परिवार व मवेशियों सहित बीडीओ कार्यालय ले जाएंगे और प्रधानमंत्री आवास या अन्य योजना स्वीकृत न होने तक वहीं रहेंगे। खंड विकास अधिकारी संगड़ाह सुभाष चन्द अत्री ने कहा कि, मामला उनके संज्ञान में है तथा उन्होंने प्रधान, सचिव व पटवारी को जल्द संबंधित दस्तावेज तैयार कर सौंपने को कहा है। उन्होंने कहा कि, दस्तावेज मिलते ही आवास स्वीकृत करवाने की कोशिश की जाएगी।
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