News portals-सबकी खबर (कफोटा ) सिरमौर के विश्व प्रसिद्ध अदरक के उत्पादन से किसानों का मोहभंग होता जा रहा है। 6 महीनों की हार तोड़ मेहनत के बाद भी किसानों कोअदरक का लागत मूल्य बमुश्किल प्राप्त हो रहा है। जिसके चलते किसानों में सरकार के प्रति भी नाराजगी है। पहाड़ी क्षेत्रों के अदरक उत्पादक सरकार से यात्रा के विपणन और समर्थन मूल्य प्रदान करने की मांग कर रहे हैं। कुछ साल पहले अदरक सिरमौर के किसानों की आय का मुख्य साधन होता था। आज भी गिरीपार क्षेत्र के हजारों परिवार अदरक की खेती पर ही निर्भर हैं। मगर अदरक को उचित दाम ना मिलने के कारण अदरक की खेती से किसानों का मोहभंग होता जा रहा है। बताते चलें कि सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में एशिया भर में उत्तम किस्म का अदरक और अदरक से बनने वाली सोंठ का उत्पादन होता है। सिरमौरी अदरक और सोंठ गुणवत्ता और स्वाद के मामले में अन्य एशियाई देशों से अव्वल है। लेकिन अगर दाम की बात करें तो यहां किसानों को उनकी मेहनत का आधा हिस्सा भी प्राप्त नहीं हो पा रहा है। सीजन पर अदरक के दाम इतने कम होते हैं कि किसान फसल बेचकर बीज और दवाओं की कीमत बमुश्किल पूरी कर पाते हैं। कई दशकों से किसान अदरक को समर्थन मूल्य देने की भी मांग कर रहे हैं। साथ ही सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि अदरक के विपणन की उचित व्यवस्था की जाए मगर अभी तक सरकार ने अदरक उत्पादकों के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। जिसकी वजह से हर सीजन में अदरक उत्पादक नुकसान उठा रहे हैं। ऐसे हालात में अब अदरक उत्पादकों का नकदी फसल के उत्पादन से मोहभंग होता जा रहा है। अब किसान अदरक को छोड़कर अन्य फसलें उगाने की ओर ध्यान देने लगे हैं। उत्पादकों की बिडम्बना है कि सरकार ने उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की है ना ही उनकी मांग को किसी बड़े मंच पर उठाया जाता है।
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