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जिला सिरमौर के अंतर्गत आने वाले उपमंडल संगड़ाह के गांव शामरा से संबंध रखने वाले शोधकर्ता सौरभ ठाकुर ने अंतराष्ट्रीय स्तर की सीडीआरआई फेलोशिप हासिल किया है। जानकारी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ ने गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिफारिश पर आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए यह फेलोशिप शुरू की है।
इस कामयाबी से सौरभ ने न केवल उपमंडल संगड़ाह, बल्कि जिला सिरमौर व प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। सौरव ठाकुर को युएन द्वारा आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए यह फेलोशिप प्रदान किया गया है तथा उन्हें इस साल शोध कार्य के लिए 7 लाख रुपए मिलेंगे। यह मुकाम हासिल करने पर उनके घर में बधाई का तांता लगा है। बता दें कि, शामरा निवासी सौरव ठाकुर को पिछले वर्ष भी श्रीलंका के क्षेत्रीय राजनितिक अध्ययन केंद्र आरसीएसएस द्वारा वर्ष 2020 के लिए अंतरराष्ट्रीय कोडीकारा फेलोशिप प्रदान किया गया था। यह फेलोशिप वर्ष में एक ही व्यक्ति को मिलता है। इस वर्ष 140 देशों के युवाओं ने आवेदन किया था, जिसमें भारत के सौरभ को भी सफलता हासिल हासिल हुई है। अब यह भारत के बंदरगाहो पर शोध करेंगे जिसके एवज में इन्हें एक वर्ष के लिए सात लाख रूपये मिलेगें।
वर्तमान में सौरभ दिल्ली में नेशनल मेराइन फाउन्डेशन में नौकरी करते है, जो नेवी का थिंक टैंक है। इसके साथ वह अंतरराष्ट्रीय राजनीति संगठन एवं निरस्त्रीकरण केंद्र जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली में पीएचडी कर रहे है। सौरव जलवायु सुरक्षा तथा न्याय विषय पर जेएनयू में अपना थिसिस सबमिट कर चुके हैं तथा जल्द ही इनको पीएचडी की डिग्री मिल जाएगी। बता दें कि, इनके पिता डॉ अमीचंद कमल कालेज से असिस्टेंट प्रोफेसर सेवानिवृत हुए है तथा वह संगड़ाह महाविद्यालय में भी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ कमल काफी वर्षो से गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने में अपना योगदान दे रहे है तथा वर्तमान में हाटी समिति के अध्यक्ष है।
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