News portals-सबकी खबर (नाहन ) केलाश चौहान
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार द्वारा कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जिला सिरमौर में कोविड-19 के उन्मूलन के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई उसी के अनुरूप स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को भी कई गुणा बढ़ाया गया है।
अप्रैल माह तक जिला में केवल एक डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर सराहां में था जिसमे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए 32 बेड की व्यवस्था थी। इसके अतिरिक्त, बडू साहिब राजगढ़ में 100, रामपुरघाट पांवटा साहिब में 82 और वृद्ध आश्रम त्रिलोकपुर में 72 बेड के डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर कार्यशील थे। इसी प्रकार, डॉ यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन में 20 बेड के आइसोलेशन वार्ड की सुविधा थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की 30 अप्रैल को नाहन में हुई कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जिला में आक्सीजन सुविधा वाले बेड की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत सिविल हॉस्पिटल पांवटा साहिब को 50 बेड, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब को 40 बेड और जगदीश चंद जुनेजा फाउंडेशन हॉस्पिटल को 40 बेड का डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर घोषित किया गया है। इसी प्रकार, अकाल अकादमी हॉस्पिटल बडू साहिब में 60 बेड का और माता पदमावती नर्सिंग कॉलेज नाहन में 20 बेड का डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर घोषित किया गया है।
कोविड-19 संक्रमित ऐसे लोग जिनके पास घर पर आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, उनके लिए जिला प्रशासन ने सरकारी भवनों में आइसोलेशन की सुविधा तैयार की है। इस कड़ी में राजकीय डिग्री कॉलेज शिलाई और राजगढ़ में 10-10 बेड व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, संगड़ाह में तहसील कार्यालय की पुरानी इमारत में 10 बेड और पांवटा साहिब के सतौन रोड पर स्थित गोयल धर्मशाला के हॉल में 50 बेड की व्यवस्था की गई है ताकि हल्के लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन की सुविधा मिल सके।
इसके साथ ही नाहन में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने डॉ यशवंत सिंह परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित किया है ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों को जिला मुख्यालय पर ही पूरी सुविधा मिल सके। मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों के लिए 80 बेड की व्यवस्था की गई है और इस संख्या को जल्द ही 110 तक बढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, श्री साई अस्पताल एवं ट्रामा सेन्टर नाहन में कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए 18 बेड की व्यवस्था की गई है जिसमें केन्द्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति सहित 16 बेड व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सहित 2 बेड उपलब्ध हैं।
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से वर्चुअल माध्यम से डा. वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में 300 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का शुभारम्भ किया। इस संयंत्र के लिए भारत सरकार द्वारा उपकरण प्रदान किए गए और राज्य सरकार द्वारा गैस मैनीफोल्ड संयंत्र, ऑक्सीजन, पाइप लाइन, सिविल और इलैक्ट्रिक कार्य पर लगभग 58 लाख रुपये खर्च किए गए। इस संयंत्र पर कुल 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस संयंत्र से 300 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और इसे कोविड आइसोलेशन वार्ड के 25 बिस्तरों की ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया है। इस संयंत्र से वेंटीलेटर स्पोर्ट पर निर्भर गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे उनकी ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता कम हो गई है। अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर को हर दो घंटे में बदलने की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए श्रमिकों और परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। इस संयंत्र की स्थापना से जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चिकित्सा महाविद्यालय को 32 लाख रुपये की रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज्ड और रियल टाइम पीसीआर मशीन प्रदान की है, जिससे कोविड-19 रोगियों की जांच में तेजी लाने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने नाहन चिकित्सा महाविद्यालय में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 1000 एलपीएम क्षमता वाला एक अतिरिक्त ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की भी घोषणा की है।
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उपायुक्त सिरमौर डॉ आर के परुथी ने बताया कि वर्तमान में सिरमौर में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं जिसके चलते जिला से किसी भी कोविड के गंभीर मरीज को आईजीएमसी शिमला या अन्य राज्य में रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। जिला में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुर्वेद विभाग भी कोविड मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है। आयुर्वेद विभाग द्वारा नाहन में होम आइसोलेशन तथा लक्षणों के आधार पर कोरोना संक्रमित मरीजों को अतिरिक्त दवाइयां घर द्वार पर पहुँचाई जा रही है ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें। इस दौरान नाहन में पाया गया है कि यदि संक्रमित व्यक्ति आयुष विभाग द्वारा दी गई दवाई को तीसरे दिन से लेना आरम्भ करे तो छठे-सातवें दिन तक उनमें काफी सुधार हो रहा है।
डॉ परुथी ने बताया कि जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश के पहले पोस्ट कोविड केयर सेंटर की शुरुआत नाहन से की है। आयुष विभाग और डॉ वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर 30 बेड के पोस्ट कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की गई है जिसमें से 20 बेड जिला परिषद भवन के एसएफडीए हॉल में व 10 बेड की सुविधा डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना मरीज की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसके शरीर के कई अंग सही प्रकार से कार्य नहीं कर पाते हैं। इस पोस्ट कोविड केयर सेंटर में ऐसे मरीजों को रखा जाएगा जिन्हें इलाज की आवश्यकता होगी और मरीज जल्द से जल्द स्वास्थ्य हो सकेंगे। सेंटर में मरीजों को दिनचर्या में योग प्राणायाम, प्रोनींग व मेडिटेशन सिखाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी मरीजों के दैनिक आधार पर पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, तापमान, ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सिरमौर के मौजूदा रिकवरी रेट में काफी सुधार दर्ज किया गया है जो कि बढ़कर 91.12 प्रतिशत पहुंच गया है हालांकि पॉजिटिविटी दर 10.34 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.27 प्रतिशत है जोकि चिंता का विषय है। अगर लोग सही से मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करेंगे तो आने वाले दिनों में और बेहतर परिणामों कि उम्मीद की जा सकती है।
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