संगड़ाह के गैरसरकारी युद्ध वीरों ने कोरोना काल में नहीं आने दी मास्क की कमी
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में दर्जी की दुकान चलाने वाले एसके टेलर तथा समाजसेवी रीना चौहान ने कोरोना काल में मशीनें संभालकर करीब 14 हजार फेसकवर बनाकर क्षेत्र में मास्क की कमी नही आने दी। 26 जनवरी 2020 को जिला सिरमौर प्रशासन द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान में भागीदारी अथवा निशुल्क कपड़े के बैग वितरित करने के लिए सम्मानित किए जा चुका सुरेश कुमार उर्फ एसके टेलर द्वारा लॉक डाउन लागू होने से पहले ही 14 मार्च से मास्क अथवा फेस कवर बनाना शुरू किए जा चुके थे।
सिलाई के दौरान बचने वाले फालतू कपड़े की कतरनों से वह मास्क बनाते हैं। उपमंडल के गांव माइना की रहने वाली रीना चौहान द्वारा अब तक 5,000 के करीब फेस कवर बनाकर लोगों को निशुल्क वितरित किए जा चुके हैं। रीना के बच्चे शिमला में पढ़ते है तथा गत माह तक राजधानी में मास्क की कमी होने तथा कीमत बढ़ने के चलते उन्होंने वहीं मास्क बनाकर बांटना शुरू कर दिए। इन दिनों वह अपने गृह क्षेत्र लौट चुकी है।
संगड़ाह के साथ लगते गांव अंधेरी में दुकान करने वाली सिम्पल ठाकुर द्वारा भी 500 मास्क बनाकर लोगों को निशुल्क वितरित किए जा चुके हैं। एसके टेलर के अनुसार पीएम नरेन्द्र मोदी की अपील से प्रभावित होकर वह अब तक 7500 के करीब बना बनाकर बांट चुके हैं। गत मार्च से मई माह तक राष्ट्रीय लॉकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही कम होने के दौरान उन्होंने पुलिस सहायता कक्ष से भी नियमित रूप से मास्क वितरित किए। बाजार में सामान लेने आने वाले लोग हर रोज़ उनके पास मास्क अथवा फेस कवर लेने आते हैं।
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