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सिविल अस्पताल में निजी क्षेत्र से संचालित हो रहे किडनी डायलिसिस सेंटर पर इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता के गंभीर आरोप लगे हैं। डायलिसिस सेंटर में इलाज करवा रहे युवा व्यवसायी विकास बंसल ने लगाए हैं। जिसमे कहा है कि डायलिसिस के समय सेंटर में तैनात डॉक्टर उपस्थित नहीं रहता। तकनीशियन ही मरीजों को दवाइयां लिखते हैं। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मशीन पर तकनीशियन का काम करते रहते हैं।
विकास बंसल ने इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की भेजी है। विकास बंसल का आरोप है कि एक निजी कंपनी द्वारा संचालित राही केयर डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस के दौरान कई अनियमितताएं बरती जाती है। जिसका किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। विकास बंसल का कहना है कि यदि यहां अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाई जाती है तो मरीजों के साथ अभद्रता की जाती है और बाहर निकलने को कहा जाता है। विकास बंसल ने बताया कि डायलिसिस के दौरान सेंटर में डॉक्टर का उपस्थित रहना जरूरी होता है। लेकिन यहां डॉक्टर दिन में एक या दो बार राउंड मारता है। मरीजों की दवाइयां तकनीशियन लिखते हैं। डॉक्टर उस पर आकर साइन कर देते हैं। यही नहीं सेंटर में तैनात तकनिशिनो का कार्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं। ऐसे में किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
विकास बंसल ने बताया कि आयुष्मान और हिम केयर कार्ड धारकों से भी इंजेक्शन आदि के पैसे वसूले गए हैं।
उधर इस संबंध में रही केयर डायलिसिस सेंटर में तैनात डॉक्टर ने बताया कि आरोप बेबुनियाद हैं। जबकि सीएमओ केके पराशर ने कहा कि आरोप गंभीर हैं और आरोपों की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पावटा अस्पताल इंचार्ज को डायलिसिस सेंटर की नियमित विजिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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