News portals-सबकी खबर (शिमला )
कोरोना महामारी के बीच हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय और पंचायत चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। एसओपी के अनुसार प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान न हुजूम उमड़ेगा और न ही वाहनों का काफिला होगा। प्रत्याशी के साथ सिर्फ एक व्यक्ति नामांकन भरने जाएगा। कोविड रोगी या क्वारंटीन व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति तो रहेगी, लेकिन ऐसे लोगों का नामांकन अधिग्रहीत दूसरा व्यक्ति करेगा। प्रत्याशी आयोग की वेबसाइट से नामांकन पत्र डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकेंगे। प्रत्याशी मास्क पहनकर प्रचार करने पांच लोगों के साथ जा सकेंगे। क्वारंटीन मरीजों के लिए मतदान के नियम बुधवार को तय होंगे। मतदान के दौरान फर्जी वोटिंग रोकने के लिए मतदाता का मास्क भी हटाया जा सकेगा।
55 वर्ष से अधिक उम्र का कर्मचारी चुनाव ड्यूटी नहीं देगा। गंभीर रोगों से ग्रसित कर्मी, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग कर्मचारियों की ड्यूटी भी नहीं लगेगी। मतदान करने आने वालों को सामाजिक दूरी के तहत गोले में खड़े होना होगा। अगर मतदान के दौरान किसी का तापमान ज्यादा निकला तो उसे मतदान के अंतिम घंटे में मतदान करना होगा। जिला स्तर पर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी नोडल स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त होगा। चुनाव में तैनात प्रत्येक कर्मियों को मास्क लगाना जरूरी है। प्रत्येक कर्मचारी मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करेगा। मतदान केंद्र सैनिटाइज होंगे। प्रत्येक कर्मचारी की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सार्वजनिक स्थान पर थूकना और पान, तंबाकू खाना केंद्र और राज्य सरकार के जारी नियमों के अनुसार दंडनीय होगा। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जांच के दौरान सामाजिक दूरी का पालना करना होगा।
बता दें, प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकाय चुनाव में प्रदेशभर के करीब 54.33 लाख वोटर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 27,34,154 पुरुष और 26,98,709 महिलाएं मतदाता वोट डालेंगी। संबंधित जिलों के जिला चुनाव अधिकारी तय करेंगे कि किस पंचायत में कौन से चरण में चुनाव कराना है। प्रदेश चुनाव आयोग ने प्रदेश में पंचायती राज संस्थानों और शहरी निकायों के लिए कुल 60 हजार कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगाई है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में मतपेटियां और शहरी निकाय चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल होगा। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने को करीब 22 हजार पोलिंग पार्टियां बनाई हैं। ये पोलिंग पार्टियां अलग-अलग चरणों में सेवाएं देंगी।
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि एक चरण के चुनाव में आठ हजार कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। प्रत्येक पोलिंग पार्टी के साथ दो सुरक्षा कर्मी और एक स्वाथ्य कर्मी भी ड्यूटी रहेगा। वहीं, प्रदेश में पंचायती राज चुनावों में इस बार प्रत्याशियों का परिणाम ऑनलाइन दिखेगा। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसे मतगणना स्थल समेत मुख्य केंद्र से लगातार अपडेट किया जाएगा, जिससे प्रत्याशियों का परिणाम जल्द घोषित हो सकेगा। जानकारी के अनुसार अगले माह होने वाले पंचायती राज चुनावों को लेकर इस बार विभाग ने कई तरह के बदलाव किए हैं। इनमें विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि पंचायती राज चुनावों में मैदान में उतरे प्रत्याशियों के परिणाम को ऑनलाइन दिखाना है।
Recent Comments