Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 22, 2024

सिरमौर में कुत्तों की जन्म दर नियंत्रित करने के लिए 16 जून से 28 जून तक विशेष अभियान

News portals-सबकी खबर (नाहन ) कुत्तों की जन्म दर को कम करने के लिए सिरमौर जिला में 16 जून से 28 जून तक एक विशेष अभियान का आरम्भ किया गया है। इस अभियान के तहत कुत्तों की जन्म दर को कम करने के लिए पशु पालन विभाग द्वारा वैक्सीनेशन और स्टेरलाइजेशन का कार्य किया जायेगा। यह अभियान पशुपालन विभाग और नगर परिषद के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जायेगा। उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने पशु पालन विभाग द्वारा शुक्रवार को नाहन में आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी प्रदान की।
सुमित खिमटा ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों के कारण शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस लिए इस अभियान को हर हाल में सफल बनाया जाये। उन्होंने जिला के सभी लोगों से विशेष कर ‘डॉग लवर’ से आग्रह किया है कि अमेरिकन पिटबुल नस्ल के डॉग सहित प्रतिबन्धित 9 नस्लों के कुत्तों को हर सूरत में न पाला जाये, क्योंकि इनसे मानवीय जीवन को बहुत बड़ा खतरा है।
उपायुक्त ने जिला में चल रहे गौ-सदनों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में जिला में 14 गौसदन चल रहे हैं जिनमें करीब 1300 गोवंश का पुनर्वास किया गया है। जिला में निराश्रित गौवंश की समस्या को देखते हुए और अधिक गौशालाओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिलाई क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी गौशाला कार्यरत नहीं है और यहां पर गौशालाओं के निर्माण की आवश्यकता है।
उन्होंने शहरी नागरिकों से आग्रह किया है कि सैर के समय अपने डॉग को बांध कर ले जायें ताकि किसी भी नागरिक को कुत्ते से नुकसान न हो। इसके अलावा कुत्तों द्वारा सड़कों के किनारे और सैर स्थल पर मल की गंदगी न फैलाई जाये इसका भी ध्यान रखा जाये।
पशुपालन विभाग की ओर से उपायुक्त को बताया कि सुकेती में करीब 500 गौवंश के लिए एक गौशाला का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिए करीब 10 बीघा भूमि की आवश्यकता है। उपायुक्त ने इस सम्बन्ध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश सम्बन्धित विभाग को दिये।
उपायुक्त ने बिना टैग लगे निराश्रित गौवंश को जिला के गौशालाओं में पुनर्वास के लिए भेजने हेतु आवश्यक प्रबन्ध करने के लिए विभाग को निर्देश दिए। इसके अलावा जिन पशुओं के टैग लगे हैं उनके मालिकों का चालान करने के लिए कहा। उन्होंने शहरी क्षेत्र में बंदरों की समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद और वन विभाग को संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने पंचायती राज संस्थाओं को पंचायत स्तर पर निराश्रित पशुओं की समस्या के समाधान के लिए उचित पग उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जख्मी गौवंश का उपचार तुरंत किया जाना चाहिए इसके लिए शहरी क्षेत्र में नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत स्तर पर सूचनाओं का आदान-प्रदान समय पर किया जाये। उपायुक्त ने मीट विक्रेताओं के शॉप और स्लाटर हाउस का समय-समय पर निरीक्षण कर, रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा।
उप-निदेशक पशुपालन डा. नीरू शबनम ने बैठक में विस्तार से पशुपालन तथा अन्य विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोम दत्त, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्त, एसडीएम शिलाई सिंघा के अलावा पंचायती राज, नगर परिषद तथा अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Read Previous

जिला के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के पुरजोर प्रयास-डॉ. पाठक

Read Next

प्रशासन ने हमें मृतक के घर जाने से रोका, कल 12 जिलों में करेंगे धरना प्रदर्शन : बिंदल

error: Content is protected !!