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हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव अपने तय समय पर होंगे। कोविड के कारण इन चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को यह फैसला ले लिया है। सूत्रों के अनुसार राज्य चुनाव आयोग के अध्यक्ष पी. मित्रा ने इसे मंजूरी दी है और इन आदेशों को आयोग ने सभी जिलाधीशों को भेज दिया है। उन्हें चुनाव के लिए वैकल्पिक तैयारियां करने को कहा है। बता दें कि जिलाधीश फिलहाल पंचायती राज के चुनाव नहीं करवाना चाहते थे, जिसे लेकर उन्होंने आयोग को लिख भी दिया था। अधिकांश जिलाधीशों ने कहा था कि वह चुनाव करवाने की स्थिति में नहीं हैं।
उनका कहना था कि पंचायतों में सचिव इस काम को देखते हैं, लेकिन सभी सचिव कोविड के कार्य में इन दिनों लगे हैं, जिनके पास काफी जिम्मेदारी है। ऐसे में वह चुनाव की प्रक्रिया में नहीं लगाए जा सकते हैं। इस पर राज्य चुनाव आयोग ने कहा है कि यदि सचिव कोविड के काम में जुटे हैं, तो जिलाधीश अन्य लोगों को जिम्मेदारी सौंपे। इसमें विकल्प के रूप में वह किसी को भी साथ ले सकते हैं। शनिवार को इस तरह के आदेश जिलाधीशों को जारी कर दिए गए हैं, जिसके बाद अब तय है कि पंचायती राज व शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव समय पर होंगे। बता दें कि 23 जनवरी, 2021 तक पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाए जाने जरूरी हैं, जो कि एक्ट में प्रावधान है। वहीं शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव 18 जनवरी तक होने जरूरी हैं।
आयोग का विचार था कि अक्तूबर महीने में इस काम को कर दिया जाएगा मगर कोरोना महामारी के चलते इस समय में चुनाव पर संशय है। अभी भी यह कहा जा रहा है कि यह चुनाव जनवरी महीने में या फिर इससे पहले दिसंबर महीने तक करवाए जा सकते हैं। बहरहाल इसमें कोरोना को भी ध्यान में रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने जिलाधीशों को पंचायतों में वार्ड बंदी और रिजर्वेशन के लिए भी कह दिया है। क्योंकि जनगणना का काम रुक गया है, तो पुनर्सीमांकन नहीं हो सकता, मगर पंचायतों के भीतर वार्ड बंदी की जा सकती है, जिसमें वार्डों की संख्या कम ज्यादा हो सकती है, वहीं रिजर्वेशन रोस्टर भी इसी तरह से तैयार किया जा सकता है।
एमसी इलेक्शन नहीं
प्रदेश में वर्तमान में 3226 पंचायतें हैं, जबकि शहरी स्थानीय निकायों की संख्या 52 हैं। इनके अलावा राज्य में दो नगर निगम भी हैं, जिसमें शिमला और धर्मशाला के नाम हैं। ये दोनों स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हैं। अभी नगर निगमों में चुनाव नहीं होने हैं, जबकि शहरी स्थानीय निकाय व पंचायतों के चुनाव होंगे।
रिजर्वेशन, वार्डबंदी ऐसे
खाके के अनुसार वाडर्ोें की डिलीमिटेशन का प्रोपोजल छह जुलाई तक सामने लाया जाएगा। इस पर आपत्तियां व सुझाव देने के लिए समय 16 जुलाई तक का रखा गया है, वहीं इसके 10 दिन की अवधि में आपत्तियों का निपटारा करना होगा, जो कि जिलाधीशों के सामने होगा। वहां से मामले मंडलायुक्तों के पास जाएंगे, जहां से भी अगले 10 दिन में इनका निपटारा कर दिया जाएगा।
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