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मनरेगा कामगारों, किसानों, कृषि श्रमिकों, दुकानदारों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत लाखों लोगों को अटल पेंशन योजना में राज्य सरकार ने सह योगदान राशि बढ़ा दी है। इसे 2,000 से बढ़ाकर 3,000 रुपये सालाना किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार 50 फीसदी तक सह योगदान देती है। इसके लिए खुद लाभार्थी को 50 फीसदी अंशदान देना होता है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस संबंध में बजट घोषणा भी की थी। अब इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था को 31 मार्च 2023 तक लागू किया गया है। जानकारी के अनुसार विशेष सचिव वित्त ने इस सह योगदान में बढ़ोतरी के बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों समेत तमाम अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
साथ ही निर्देश दिए हैं कि असंगठित क्षेत्र के सभी कामगार जैसे मनरेगा वर्कर्स, किसान, कृषि-बागवानी श्रमिक, दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे मील कामगारों आदि की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित की जाए। अटल पेंशन योजना को असंगठित क्षेत्र के कामगारों में लोकप्रिय करने के भी प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। यह लाभ ऐसे कर्मचारियों को दिया जाता है जो न तो किसी सामाजिक सुरक्षा योजना में कवर होेते हैं और न ही आयकर दाता हैं।
बता दे कि अटल पेंशन योजना को केंद्र सरकार ने एक जून 2015 को शुरू किया था। इस योजना में 18 से 40 वर्ष के लोगों को शामिल किया जाता है। इन लोगों को 60 वर्ष की उम्र तक प्रीमियम राशि जमा करनी होती है। इसमें सरकार 50 फीसदी सह योगदान देती है। 60 वर्ष के बाद इन लोगों को 1,000 से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन देने की योजना है। प्रीमियम को अलग-अलग योजना में हर माह जमा किया जा सकता है।
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