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प्रदेश सरकार ने फर्जी बीपीएल अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने इस मामले में बारीकी से जांचकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सालों से गरीबों का राशन डकार रहे फर्जी बीपीएल अफसरों से राशन के पैसे की भी मार्केट रेट के हिसाब से वसूली होगी। सोलन में ऐसे फर्जी बीपीएल अफसरों के खिलाफ नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं।
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मामले पर चर्चा की है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की परतें खोलने की बात कही है। इन फर्जी बीपीएल अफसरों और उनके परिवार के सदस्यों की कोटे के तहत सरकारी नौकरियां पाने का भी संबंधित विभाग रिकॉर्ड खंगालेंगे। इन अफसरों ने पंचायत सचिवों और प्रधानों की मिलीभगत से फर्जी बीपीएल राशनकार्ड बनवाए हैं, ऐसी आशंका को देखते हुए सरकार ने प्रधानों और सचिवों पर भी कार्रवाई करने को कहा है।
जांच में खुलासा हुआ है कि इन फर्जी बीपीएल अफसरों ने गरीबी रेखा से नीचे होने का शपथपत्र भी दिया है। सचिवालय में आईएएस, एचएएस अफसरों से लेकर प्रदेश के हर गली मोहल्ले में गरीबों का हक खाने वालों की किरकिरी हो रही है। नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक भी गरीबों का हक मारने में पीछे नहीं हैं।
डिपो से गाड़ियों में ले जाते हैं सस्ता राशन
फर्जी बीपीएल अफसर गाड़ियों में आकर डिपो से सस्ता राशन ले जाते हैं। घपले की परत दर परत खोलने पर यह खुलासे हो रहे हैं।
टैक्स देने वाले भी बीपीएल में
फर्जी बीपीएल में एक और खुलासा हुआ है। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने वाले भी बीपीएल और अंत्योदय की श्रेणी में आए हैं।
गरीबों का हक छीनने वालों को भुगतान तो करना होगा। कैबिनेट बैठक में मामले पर मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा हुई है। भ्रष्टाचार से समझौता नहीं होगा। घपला किया है, इसकी सजा फर्जी बीपीएल अफसरों को मिलेगी। – राजेंद्र गर्ग, खाद्य आपूर्ति मंत्री
ऐसे फर्जी बीपीएल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में ऐसे और भी संपन्न लोग हैं, जिन्होंने ये राशनकार्ड बनाए होंगे, उनका भी पता लगाने को कह दिया है। – वीरेंद्र कंवर, पंचायती राज मंत्री
सबसे ज्यादा कांगड़ा जिले में फर्जी गरीब अफसर
कांगड़ा 47
शिमला 22
चंबा 16
मंडी 8
किन्नौर 7
कुल्लू 5
बिलासपुर 4
सोलन 2
सिरमौर 2
हमीरपुर 2
लाहौल-स्पीति 1
ऊना 1
कोरोना काल में गरीबों का मुफ्त राशन भी खा गए
60 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक वेतन पाने वाले फर्जी गरीब अफसर कोरोना महामारी में केंद्र सरकार की ओर से गरीबों को मिल रहे 5 किलो मुफ्त चावल को भी खा गए।
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