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November 22, 2024

मंगल व रोहिणी नक्षत्र में करवाचौथ व्रत करेंगी सुहागिन, जानें व्रत समय और पूजा मुहूर्त ।

News portals-सबकी खबर


सुहाग और अटूट प्रेम का प्रतीक करवा चौथ इस बार बेहद खास संयोग में मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन मंगल व रोहिणी नक्षत्र में पति की दीघार्यु की कामना करेंगी। यह संयोग 70 साल बाद आया है। इस साल व्रत की समयाविधि भी करीब 14 घंटे की रहेगी। करवा चौथ का व्रत इस वर्ष 17 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 70 सालों बाद बन रहा शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बेहद मंगलकारी रहेगा। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी के योग से मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी इस करवा चौथ बन रहा है। क्योंकि चंद्रमा की 27 पत्नियों में रोहिणी प्रिय पत्नी है। इसलिए यह संयोग करवा चौथ को बेहद खास बना रहा है। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन महिलाओं की जिंदगी में आएगा ​जो पहली बार करवा चौथ का व्रत रखेंगी।

दो शब्दों से मिलकर बना है करवा चौथ :
ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद उपाध्याय के अनुसार करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला तो करवा और दूसरा चौथ। जिसमें करवा का मतलब मिट्टी के बरतन और चौथ यानि चतुर्थी है। इस दिन मिट्टी के पात्र यानी करवों की पूजा का विशेष महत्व है।

करवा चौथ का महत्व :
ज्योतिषाचार्य आचार्य लवकुश शास्त्री के अनुसार माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। इसी व्रत के बाद ही उनका विवाह शिव से हुआ। कहा जाता है कि राजा बलि ने भगवान विष्णु को कैद कर लिया था। जिसके बाद मां लक्ष्मी ने करवा चौथ का व्रत रखकर उन्हें मुक्त कराया।

करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त :
तिथि : 17 अक्टूबर
-चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 17 अक्टूबर की सुबह 6:48 मिनट से
-चतुर्थी तिथि समाप्त : 18 अक्टूबर को सुबह 7:29 मिनट तक

-करवा चौथ व्रत का समय : 17 अक्टू. को सुबह 6:27 मिनट से रात 8:16 मिनट तक
-कुल अवधि : 13 घंटे 50 मिनट
-पूजा का शुभ मुहूर्त : 17 अक्टू. की शाम 5:46 मिनट से शाम 7:02 मिनट तक
-कुल अवधि : 1 घंटे 16 मिनट

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