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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने एलएनजी क्षेत्र के विभिन्न साझेदारों से आह्वान किया है कि वे आम लोगों/इस्तेमालकर्ताओं को इस ईंधन के फायदे बताने के लिए एक अभियान की शुरुआत करें। ‘एलएनजी परिवहन ईंधन के तौर पर’ विषयक एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एलएनजी भविष्य का ईंधन है और अन्य ईंधन की तुलना में इसकी कम कीमत तथा अन्य लाभों के बारे में सूचित करने के लिए केन्द्रित और त्वरित ढंग से अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर इसकी कीमत कम होने का संदेश उचित ढंग से लोगों तक पहुंच सके, तो यह बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को इसकी ओर आकर्षित कर सकता है।
प्रधान ने कहा कि एलएनजी एक उत्पाद के तौर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और सरकार इसको आगे बढ़ाने के लिए सभी सुविधाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि एलएनजी को आकर्षक ईंधन के तौर पर प्रोत्साहित करने के अवसर का जल्द से जल्द उपयोग करना चाहिए। एलएनजी के इस्तेमाल से पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को होने वाले लाभ तथा इसके सुगमता से उपलब्ध होने के पहलू को रेखांकित किया जाना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने के सरकार के प्रयास के तहत गैस अवसंरचना– टर्मिनल, पाइपलाइन, स्टेशन और सीजीडी नेटवर्क में भारी निवेश किया जा रहा है और एलएनजी इसका अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारत को गैस आधरित अर्थव्यवस्था में बदलने की परिकल्पना को अमल में लाने पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं और इस बदलाव को लाने के लिए जरूरी हर संभव समर्थन दे रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने उद्योगों से कहा कि वे एक सब्सिडी आधारित मॉडल लाएं और एलएनजी की वित्तीय व्यवहार्यता पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए इसके परिचालन पर काम शुरू करें। एलएनजी को जीएसटी की परिधि में लाने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि यह एक बहुत ही उचित मांग है और जल्दी ही इस विषय पर आम सहमति बनने की उम्मीद है। उन्होंने उद्योगों से कहा कि वे भारत में एलएनजी के बाजार के विस्तार के लिए क्षेत्र आधारित जरूरतों की पहचान करें। उन्होंने कहा कि इससे गैस वेल्यू चेन के तहत वाहन मालिकों, वाहन निर्माताओं और अन्य साझेदारों के लिए बहुत अच्छा माहौल बनेगा तथा यह बेहतर पर्यावरण को भी सुनिश्चित करेगा।
वेबिनार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एलएनजी के इस्तेमाल के संबंध में वैश्विक परिदृश्य में भारी बदलाव आया है, क्योंकि यह ईंधन उच्च दाब से कम दाब पर रहता है और इसका तापमान भी कम है। लंबी दूरी तक इसका परिवहन किया जा सकता है और इस तरह इसके लिए पाइपलाइन बिछाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। वेबिनार में गेल, विस्फोटक नियंत्रक और एसआईएएम के उच्च अधिकारियों के अलावा ऑटोमोबाइल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा क्षेत्र के अन्य साझेदारों के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विचार रखे।
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