News portals-सबकी खबर(कफोटा)
गिरिपार क्षेत्र के हसीन वादियों में बसा है ये आस्था का मंदिर शिरगुल महाराज का, ये मंदिर विधानसभा शिलाई के अंतर्गत गांव शिल्ला की ऊंची पहाड़ी (जेंदधार )पर बसा है , ये मंदिर लगभग 300 साल पुराना है। इस मंदिर की बिशेस्ता ये है की यहां आने वाली श्रद्धालु कभी खली हाथ नहीं जाते ।
शिरगुल मंदिर में यहां पर दूर दूर से लोग आते है और अपनी मन की मुराद पते है। वही शिरगुल कमेटी शिल्ला के प्रधान गुलाब सिंह, कोषाध्यक्ष बस्ती राम, सचिव साधू राम, मंदिर के पुजारी ब्रमांद शर्मा, भण्डारी नरेश कुमार, बजीर ओमप्रकाश चौहान, ओर माली अतर सिंह चौहान ने बताया कि जेंदधार में बसे शिरगुल महाराज का इस मंदिर को बनाने के लिए स्थानीय लोगो ने एक कमेटी तैयार कर इस मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है ।
लेकिन इस मंदिर की इतनी मान्यता होने कारण भी इस मंदिर को सरकार अनदेखा कर रही है , ये मंदिर काफी सारी ऐसी सुभिधाएँ से वंचित है जो आज के दौर में सबसे जरुरी है , जैसे पानी और सड़क, जो यहां बिलकुल भी नहीं है , ये मंदिर सड़क से 7 किलोमीटर दूर ऊची चढ़ाई पर है जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालु को पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है जो काफी मुश्किल है, और पानी तो आज के समय में सबसे जरुरी है जो आजतक सरकार ने मोहिया नहीं करया।
पिछले 50 सालों से सरकार की इस मंदिर पर नजर नहीं पड़ी की यहां पानी की सुबिधा हो। स्थानीय लोग श्रद्धालु के लिए पानी पीठ पर उठा कर मंदिर तक ले जाते है। शिल्ला के स्थानीय लोगो रमेश , प्रताप, देवेन्द्र, बाबू राम दुला राम, रंगी लाल, कपिल ठाकुर, विक्रम सिंह , गंगा राम , हाकम सिंह, बलवीर सिंह, आदि का कहना है केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है , सरकार चाहें तो ये मुलभुत सुभीधा प्रदान कर सकती है पर इस और ध्यान नहीं देती। ऐसे में सरकार को इन प्राचीन मंदिर की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ।
Recent Comments