News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
उपमंडल संगड़ाह में गत सप्ताह से बिना जांच के बिक रहे मीट को लेकर समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद संबंधित विभाग व प्रशासन उक्त मुद्दे पर कुछ हद तक एक्शन में आते दिखे। सोमवार को उपमंडलीय पशु चिकित्सालय संगड़ाह के एक फार्मासिस्ट मुख्य बाजार में मटन-चिकन बेचने वालोें की जांच करने पहुंचे तथा कल तक उन्हें बाहरी राज्य से खरीदे गए मीट के बिल व इसकी गुणवत्ता संबंधी दस्तावेज दिखाने को कहा।
बता दे की रविवार को इस बारे समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद जानकारी के मुताबिक एसडीएम द्वारा वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी संगड़ाह को मीट की जांच करने के लिए लिखा गया। बिना जांच के बेचे जा रहे बाहरी राज्यों से आए मटन-चिकन से लोग घबराए हुए हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण के डर से अधिकतर लोग मीट नहीं खरीद रहे हैं और जो ले रहे हैं, वह भी इसकी गुणवत्ता को लेकर चिंतित तो हैं। स्वास्थय विभाग, प्रशासन व खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा भी अब तक मीट की गुणवत्ता व रेट लिस्ट को लेकर कोई ठोस कार्यवाही किया जाना शेष है तथा पशुपालन विभाग के अनुसार यहां स्लाटर हाउस न होने के चलते जिंदा पशुओं की जांच संभव नहीं है।
उपमंडल के अंतर्गत आने वाले हरिपुरधार में मीट की दुकान चलाने वाले शख्स के शुक्रवार को अंबाला से पहुंचने तथा शनिवार से मीट को बेचे जाने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ती जताई। एसडीएम के अनुसार उक्त मीट विक्रेता प्रशासन की अनुमति से नियमानुसार मीट बेच सकता है। संगड़ाह, नोहराधार व हरिपुरधार में मीट की दुकानें चलाने वालों ने बताया कि, यहां पहले भी मीट की जांच नहीं होती थी। एसडीएम संगड़ाह के अनुसार उपायुक्त अथवा डीएम सिरमौर के आदेशानुसार क्षेत्र में बतौर आवश्यक खाद्य सामग्री मीट की दुकानों को खोला गया है। उन्होंने कहा कि, पशुपालन विभाग को मीट अथवा काटे जाने वाले पशुओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं। पशुपालन अधिकारी संगड़ाह डॉ अमित वर्मा ने कहा कि, एक स्थानीय कर्मचारी द्वारा सोमवार को संगड़ाह को संगड़ाह में मीट की दुकानों का निरीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि, संगड़ाह में स्लाटर हाउस न होने के चलते पशुओं को काटने से पहले उनकी जांच करना नियमानुसार संभव नहीं है।
Recent Comments