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मुख्य सचिव ने एनएच निर्माण में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। नेशनल हाई-वे को मानसून में हुए नुकसान की भरपाई युद्धस्तर पर करनी होगी। मुख्य सचिव आरडी धीमान राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने प्रदेश में निमार्णाधीन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की विभिन्न परियोजनाओं और लोक निर्माण विभाग-एनएच के कार्यों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। प्रदेश में एनएचएआई के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही फोरलेन हाई-वे की पांच स्कीमों परवाणू-शिमला, शिमला -मटौर, मंडी-पठानकोट, पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ और कीरतपुर -मनाली के संबंध में बैठक में विस्तार से चर्चा की और संबंधित अधिकारियों को भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए।
परवाणू-शिमला राजमार्ग पर भारी भू-स्खलन पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने एनएचएआई अधिकारियों को पहाडिय़ों के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने और इस समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। एनएचएआई के सदस्य ने पहाडिय़ों के संरक्षण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर अगले मानसून से पहले पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बारिश के मौसम में राष्ट्रीय राजमार्गों को हुए नुकसान की मरम्मत और रखरखाव के लिए आवश्यक धनराशि अतिशीघ्र जारी करने का भरोसा भी दिया। इस बैठक में विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे एनएचएआई के सदस्य मनोज कुमार भी बैठक में उपस्थित रहे।
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