News portals-सबकी खबर (शिलाई )
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर कार्य कर रही कंपनियां की बेतरतीव कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियों में है, फेज-3 का कार्य कर रही एचईएस इंफ्रा प्राइवेट कंपनी ने ग्राम पंचायत श्रीक्यारी के नायल खड्ड में लाखों मिट्रिक टन मलबा बेतरतीव तरीके से डालकर लोगो के लिए मुसीबतें पैदा की है, वही तमसा नंदी तक नायल खड्ड के दोनो छोर पर रहने वाले लोगों का हुक्का-पानी बंद कर दिया है, मलबा डालने से लोगों में जहां रोष व्याप्त है, वही क्षेत्रीय लोग आंदोलन की तैयारियों में जुट गए है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का मलबा नियमों को ताक पर रखकर नायल खड्ड में दिनरात डाला जा रहा है, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व स्थानीय प्रशासन,
एचईएस इंफ्रा प्राइवेट कंपनी की कठपुतलियां नजर आ रही है, यहां जनता की आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है, नायल खड्ड के नीचे रहने वाले हर सिंह बताते है, कि उन्होंने 2 महीने पहले स्थानीय प्रशासन, प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय प्राधिकरण व केंद्र सरकार को शिकायत पत्र में बताया है, कि सरकार ने उन्हे भूमिहीन होने पर 3 बीघा जमीन दी हुई है, जिसमे क्यार, खेत व घासनी है, पूरे परिवार का भरण-पोषण वही से चल रहा था, लेकिन सड़क निर्माण कर रही कम्पनी के मलबे ने सब खत्म कर दिया है, जमीन अब बंजर हो गई है, सिंचाई की कुल क्षतिगस्त हो गई है, खेतों व क्यारों में सड़क मलबे के पत्थर व मिट्टी आ रही है, रास्ते तोड़ दिए गए है, नाले में 12 महीने पानी चला रहता है, और कम्पनी ने नीचे से नाले को बंद कर दिया है, इसलिए अब उनके पास परिवार को पालने का दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया है, साथ ही बरसात में प्राकृतिक आपदा आने का डर सता रहा है, सम्बन्धित कम्पनी के अधिकारियों व कर्मचारियों को कई बार कहा गया है, लेकिन गरीब को धूतकार के अतिरिक्त कुछ भी हासिल नहीं हुआ है, आएदिन सैकड़ों गाडियां मलबे की डाली जा रही है, जिससे घर की छत तक पत्थर पहुंच रहे है, इसलिए पूरा परिवार डर के साए में जी रहा है, अधिकारियों सहित स्थानीय चाटुकारों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण कम्पनी के हौसले बुलंद है।
हर सिंह आए दिन प्रशासन, सरकार व कम्पनी की चोखट पर अपनी एडियां रगड़ रहे है, लेकिन भ्रष्टतंत्र के आगे किसी की नही चल रही है, गरीबों की आवाज उठाता राजनेतिक नेता भी नजर नहीं आ रहा है, अधिकारी केवल टूरिस्ट की तरह नजर आ रहे है, और सरकार की कार्यप्रणाली गरीबों के हित में बोनी नजर आ रही है, ऐसी स्तिथि में किए जा रहे कार्यों से जहां लोग वर्तमान में परेशानियों से जूझ है, वही भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदा की तबाई स्पष्ट नजर आ रही है।
केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 707 की डीपीआर में ग्रीन कोरिडोर को बनाने के दावे करती है, लेकिन गिरिखंड की पहाड़ियों से निकलने वाले नाले जो क्षेत्र में रहने वाले लोगो को जीवन प्रदान तो करते ही है, साथ ही पेयजल आपूर्ति व क्षेत्र को हरा-भरा भी रखते है, ऐसे नालों में कंपनियां लाखों मिट्रिक टन मलबा डालकर समाप्त कर रही है, हालाकि नियमों में सभी पेयजल स्त्रोत व नालों में ऐसी बेतरतीवी पर सरकार सख्त है, लेकिन कंपनियों के आगे सरकार व अधिकारी, दोनो नतमस्तक नजर आ रहे है, अधिकारियों की अनदेखी व कम्पनी की मनमर्जी पूरे सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रही है।
उधर , एचईएस इंफ्रा प्राइवेट कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्रीकांत रेड्डी बताते है, कि उनके पास अभी समय नहीं है, अभी अधिक व्यस्थता चल रही है, इसलिए बाद में बात की जाएगी, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण डारेक्टर विवेक पांचाल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
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