News portals-सबकी खबर (नाहन )
मुख्य न्यायक दंडाधिकारी नाहन की अदालत ने रेणुकाजी ददाहू में खनन चौकी के माईनिग गार्ड को सरकारी काम में बाधा पहुचाते हुए हमला कर जान से मार देने धमकी देने के लिए रेणुकाजी के गांव बेडोन के रणदीप सिंह को आईपीसी की धारा 353 के तहत 02वर्ष की साधारण कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। अदालत मे मुकदमें की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी रूपिंद्र बैंस ने की है।
उन्होंने बताया कि दोषी के खिलाफ वर्ष 2018 मे ददाहू माइनिग चैक पोस्ट पर तैनात माइनिंग गार्ड लाल सिह ने थाने में षिकायत पत्र दर्ज किया था जिसमें माइनिंग गार्ड को रेणुकाजी के लठियाणा में अवैध माइनिंग की शिकायतें दर्ज करवाई गई थी। जिसके लिए रात को माइंनिग गार्ड ने क्षेत्र मं दबिश दी। वहीं रात्रि को अवैध खनन करते हुए जा रहे लाइन स्टोन से भरे ट्रक को चैकिंग के लिए रोका। जिसके चालक से माइनिंग गार्ड ने डब्लूय फार्म दिखाने के लिए कहा मगर वह फार्म को पेश न कर सका।
वहीं माइनिंग गार्ड द्वारा चालान किए जाने की सुरत में वाहन मालिक रणदीप सिंह ने माइनिंग गार्ड लाल सिह को धक्का दे दिया तथा जान से मारने की धमकी देने के साथ नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। जिसके बाद मामला अदालत में सात साक्ष्यों के आधार पर सिद्व हुआ। इस दौरान सहायक जिला न्यायवादी ने अदालत से दोषी को उसके अपराध के लिए अधिकतम सजा करने की भी अपील की। जिसमें बचाव पक्ष ने प्रोवेशन ऑफ ऑफेडर एक्ट की धारा तीन का लाभ दिए जाने की वकालत की।
जिसे मुख्य न्यायिक दंडधिकारी नाहन की अदालत ने इसे जधंय अपराध मानते हुए खारिज कर दिया। कर्मचारियों पर बढ़ रहे हमले मुख्य न्यायिक दंड अधिकारी नाहन ने खनन माफियाओं द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर दिनोंदिन बढ़ रहे हमलों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के सियारन बनाम मध्यप्रदेष सरकार 1994 के फैसले का हवाला देते हुए दोषियों को ऐसे मामलों मे प्रोवेशन एंव ऑफेडर एक्ट का लाभ देने से इनकार कर दिया है। वहीं ऐसे मामलों मे दोषी पर सरकारी कर्मचारियों पर हमले के लिए अधिकतम सजा का दो वर्ष का कारावास बरकारार रखी है। जबकि जुर्माना अदा न करने की सुरत मे सजा तीन माह अतिरिक्त भूगतनी होगी।
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