News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली)
केंद्र सरकार को लगता है कि ग्रोसरी की दुकानों पर काम करने वालों, रेहड़ी वालों से कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनके जरिए बड़ी आबादी को इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसे में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि ऐसे लोगों की टेस्टिंग तेज की जाए, ताकि इनमें मामलों का पता पहले चल सके। हैल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, इससे मुत्यु-दर को कम करने में मदद मिल सकती है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को लिखी चिट्ठी में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने यह सलाह दी है।
हैल्थ मिनिस्ट्री ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि काम वाली उन बंद जगहों पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स हो सकते हैं, जहां ज्यादा केसेज वाली जगहों से लोग आ रहे हैं। स्लम, जेल, वृद्धाश्रमों में भी हॉटस्पॉट हो सकते हैं। इसके अलावा ग्रोसरी की दुकानों, सब्जी और अन्य रेहड़ी वाले भी पोटेंशियल स्प्रेडर हो सकते हैं। ऐसे इलाकों और ऐसे लोगों की टेस्टिंग आईसीएमआर की गाइडलाइंस के हिसाब से तेजी से होनी चाहिए। श्री भूषण ने अपने पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन सुविधा और क्विक रेस्पांस मेकेनिज्म वाले एंबुलेंस ट्रांसपोर्ट सिस्टम की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस से इनकार करने की दर को डेली चेक किया जाना चाहिए और इसे जीरो पर लाया जाए। कई राज्यों में मरीजों को एंबुलेंस मुहैया होने में दिक्कतें आ रही हैं। अब नए इलाकों में मामले सामने आ रहे हैं, इन पर श्री भूषण ने कहा कि जिलों में केसेज के क्लस्टर या बड़े आउटब्रेक्स हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आउटब्रेक्स को रोकना प्राथमिकता में है, खासतौर से नई लेकेशंस में। उन्होंने कहा कि साथ ही साथ फोकस किसी भी कीमत पर जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए।
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