News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने वाले किसानों द्वारा गठित संघर्ष समिति ने गत 3 जनवरी के बाद गुरूवार को एक बार फिर संगड़ाह पंचायत के सीऊं गांव में Trees Enumeration अथवा पेड़ गिनने के लिए पंहुची Dam Management व Forest Dipartment की Team को यहां से खदेड़ दिया। इस दौरान विस्थापितों ने बांध प्रबंधन, Government व Administration के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। घटनास्थल पर मौजूद समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला व संयोजक प्रताप तोमर ने कहा कि, भूमि अधिग्रहण किए जाने के बाद पिछले 15 साल से से बांध प्रबंधन, जिला सिरमौर प्रशासन व हिमाचल सरकार ने उनकी विस्थापित परिवारों को MPF पहचान पत्र, पुनर्वास, पहले से भूमिहीन किसानों को जमीन देने व रोजगार देने जैसी मांगे पूरी नहीं हुई की। उन्होंने चेताया कि, उक्त मांगे पूरी न होने तक वह इस Project का कोई भी काम शुरू नहीं होने देंगे। डूब क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सबसे बड़े गांव सींऊ में जहां विस्थापित समिति द्वारा आज दूसरी बार परियोजना संबंधी कार्य के लिए आए कर्मचारियों को बेरंग लौटाया गया, वहीं 21 व 26 मार्च को यहां हुई बैठकों में Chief Minister को ज्ञापन सौंपे जाने का निर्माण भी लिया जा चुका है। गौरतलब है कि, PM Modi द्वारा 27 नवंबर 2021 को 6947 करोड़ की राष्ट्रीय महत्व की घोषित इस परियोजना का शिलान्यास किए जाने के बाद संघर्ष समिति की गतिविधियां अथवा प्रदर्शन तेज हो चुके हैं। विस्थापितों की जमीन मुआवजे व प्रभावित परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति आदि पर करीब 1,000 करोड़ ₹ का Budget खर्च हो चुका है और धेले भर का भी वास्तविक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। जानकारों के अनुसार परियोजना को 90% Budget Union Government द्वारा जारी किए जाने व Dam से हिमाचल को महज 40 MW बिजली मिलने के चलते प्रदेश सरकार द्वारा इस पर 10 अरब से ज्यादा खर्च होने के बावजूद output न निकलने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेणुकाजी बांध से MOU के मुताबिक दिल्ली सहित छः State को 23 क्युमैक्स ताजा पानी उपलब्ध करवाना भी संभव नहीं है, क्योंकि गर्मियों में यमुना की इस सहायक नदी का जल स्तर महज 5 क्युमेक्स के करीब रहता है। परियोजना के अधिकारियों के मुताबिक 26 KM लंबे रिजर्वायर में रोका जाने वाला बरसात अथवा बाढ़ का पानी कईं दिनों तक छोड़ा जाएगा और बांध से नदी के डिस्चार्ज में भी कुछ बढ़ोतरी होगी। बांध से डूबने वाले 7 KM संगड़ाह-रेणुकाजी-नाहन मार्ग की वैकल्पिक 14 किलोमीटर सड़क के लिए भी बजट उपलब्ध करवाया जाना बाकी है, हालांकि PWD के अधिशासी अभियंता संगड़ाह को इसकी DPR बनाने के लिए कुछ राशि जारी की जा चुकी है।
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