News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
मेला श्री रेणुकाजी में प्रस्तुति देने के इच्छुक उपमंडल संगड़ाह के कलाकारों से जिला प्रशासन अथवा बोर्ड द्वारा बुधवार को बिना किराया दिए 60 किलोमीटर तक की यात्रा करवाई गई। बता दे कि इस बार पहली मर्तबा उपायुक्त सिरमौर की अध्यक्षता वाले रेणुकाजी विकास बोर्ड द्वारा मेले में प्रस्तुति देने के लिए आवेदन करने वाले सिरमौरी कलाकारों के ऑडिशन का निर्णय लिया गया, हालांकि अन्य जिलों के लोक गायकों की प्रतिभा परखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
बताते चले कि उपमंडल संगड़ाह में उक्त ऑडिशन नहीं रखे गए, तथा इस सब-डिवीजन के कलाकारों को बुधवार को नाहन उपमंडल के अंतर्गत आने वाले रेणुकाजी में तलब किया गया। स्वर परिक्षा देने पहुंचे कलाकारों को बोर्ड द्वारा न तो यात्रा भत्ता दिया गया और न ही जलपान अथवा खाने के लिए पूछा गया। उक्त स्वर परिक्षा में प्रदेश के विभिन्न अतंराष्ट्रीय मेलों में कईं बार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने तथा अपने लोक गीतों के माध्यम से सोशल मीडिया पर लाखों लोगों की पसंद बने क्षेत्र के आधा दर्जन प्रतिष्ठित कलाकार शामिल ही नहीं हुए।
ऑडिशन के नतीजे गुप्त रखे जाने अथवा बुधवार को ही जारी न किए जाने पर न केवल कला प्रेमी बल्कि आम लोग भी संदेह अथवा राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका जता रहे हैं। उपमंडल के के दूरदराज के कुछ बेरोजगार कलाकारों को तो इस स्वर परिक्षा के लिए 60 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी, जबकि मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाने के लिए अधिकतर स्थानीय कलाकारों को यात्रा दो से चार हजार रुपए दिए जाते हैं। ऑडिशन लेने पहुंचे चार लोगों को जहां सरकार अथवा बोर्ड की तरफ से टीए-डीए जारी किया जा रहा है, वहीं कलाकारों को चाय तक नहीं पिलाई गई।
कुछ लोक कलाकारों ने चयनकर्ताओं की सलेक्शन पर भी सवाल उठाए, हालांकि मेले में कार्यक्रम की सुची से नाम कटने के डर से उन्होंने नाम न छापने की अपील की। ऑडिशन लेने वाली कमेटी में शामिल जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा तथा जनसंपर्क विभाग के पूर्व निदेशक मेला राम शर्मा ने बताया कि, बुधवार को 67 कलाकार ऑडिशन देने रेणुकाजी पहुंचे। उन्होंने कहा कि, बोर्ड के पास बजट के अभाव के चलते कलाकारों के लिए यात्रा भत्ता तथा जलपान की व्यवस्था नहीं की गई तथा इसके परिणाम बाद में जारी किए जाएंगे।
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