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November 23, 2024

बेला वैली की सौंठ की चमक अदरक सड़न, विक्रय मंडी,महंगा बीज और पर्याप्त बारिश से पड़ने लगी फीकी |

News portals-सबकी खबर (शिलाई )

विधानसभा क्षेत्र शिलाई में अदरक से निर्मित एशिया प्रसिद्ध बेला वैली की सौंठ की चमक अब फीकी पड़ने लगी है। कई संकटों से गुजरने के बाद टनों में उत्पादन की जाने वाली सौंठ अब नाममात्र रह गई है। किसानों ने अदरक उत्पादन कम कर दिया है। किसी वक्त बेला वैली के किसानों की यह नकदी फसल होती थी, मगर आज किसानों ने अदरक उत्पादन से मुह  मोड़ दिया है।

किसानों को अदरक सड़न से लेकर विक्रय मंडी का समाधान न मिलने पर किसानों के लिए घाटे का सौदा हो गया है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गुलाब सिंह नौटियाल, कंवर सिंह शर्मा, सुंदर सिंह, रतन सिंह, ध्यान सिंह, रमेश, कांति राम, भीम सिंह, अतर सिंह वैली के किसानों का कहना है कि महंगा बीज, सड़न रोग, समय पर पर्याप्त बारिश न होना, सौंठ बनाते समय आसमान का खराब मिजाज और विक्री मंडी न होने की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि यदि कभी अच्छी सौंठ बन भी गई तो इसकी विक्रय मंडी दिल्ली और राजस्थान में है जो आम किसानों के पहुंच से बाहर है। इन सारी दिक्कतों के चलते किसानों ने सोंठ का काम नाममात्र कर दिया है। कई बार सरकार से मांग करने के बाद भी हिमाचल में विक्रय मंडी नहीं खुली।

नतीजतन किसानों को मजबूरन बिचौलिए के कहे दाम पर सौंठ बेचनी पड़ती है। इन दिनों सौंठ का बाजार भाव 400 से 500 रुपए किलो है, लेकिन मेहनत करने वाले किसानों को तो आधे पौने दाम नसीब होते हैं। दिल्ली आजादपुर मंडी में सौंठ के प्रसिद्ध आढ़ती बाबू राम, हरि चंद का कहना है कि सौंठ मसालों और हर्बल औषधियों में पड़ती है। कई किसान अपनी सौंठ यहां बेचते हैं, लेकिन हर कोई यहां नहीं पहुंच पाता है। बेला वैली की सोंठ एशिया में प्रसिद्ध है। इसमें हर्बल औषधीय गुण ज्यादा है, लेकिन हर वर्ष उत्पादन कम हो रहा है।

 

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