News portals-सबकी खबर (नाहन ) केलाश चौहान
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सैनधार और गिरिपार में इस बार लहसुन की फसल अच्छी पैदावार होने से किसानों के चेहरे पर खुशियाँ छाई हुई है।इस साल सैनधार और गिरिपार क्षेत्र में 50 से 60 हजार क्विंटल के बीच लहसुन की फसल पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। समय से बारिश कम होने से लहसुन का आकार भी छोटा है।
इसके बावजूद भी शुरुआती दौर में ही किसानों को लहसुन के दाम अच्छे मिल रहे हैं। जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में भारी मात्रा में लहसुन की तैयार फसल को आढ़तियों के द्वारा पड़ोसी जिला शिमला, सोलन की मंडियों सहित पड़ोसी राज्यों में भी पहुंचाया जा रहा है। कई जगह तो अभी लहसुन की फसल तैयार ही नही हुई है। अभी लहसुन की खुदाई नही की गई है। इस साल लहसुन के दाम न्यूनतम 40 से लेकर अधिकतम 75 रुपये प्रति किलो पर टिके हुए हैं।
बीते वर्ष इन दिनों लहसुन के दाम न्यूनतम 25 से लेकर अधिकतम 50 रुपये प्रति किलो पर सिमट गए थे। दाम बढ़ते देख किसानों में उत्साह है।किसान बड़े पैमाने पर लहसुन की फसल को मंडियों तक पहुंचा रहे हैं। हालांकि, कोरोना कर्फ्यू के चलते लगी नई बंदिशों के दौरान बीते दो दिनों से बाजार और मंडियां मात्र तीन घंटे के लिए खुली रहने के कारण किसानों के साथ-साथ आढ़तियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। किसान फसल को लेकर जब घर से निकलते हैं तो मंडियों तक पहुंचते ही उन्हें दुकानें बंद मिलती हैं।
जिला सिरमोर के ददाहू के आढ़तियों ने मंडियों का समय बढ़ाने की मांग की है। सब्जी मंडी ददाहू के प्रधान कमल राज वर्मा, राजेश ठाकुर, विक्रम सिंह, जगत राम और अरविंद कुमार ने बताया कि लहसुन की बढ़ती सप्लाई को ध्यान में रखते हुए मंडियां खुलने का समय बढ़ाया जाए। जिला मंडी समिति के अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने बताया कि आढ़तियों की मांग को उपायुक्त के ध्यान में लाया गया है। मंडी मे आढ़तियों को दुकानें खोलने में छूट मिल सकती है।
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