News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब)
एक दिवसीय सिरमौर दौरे पर वीरवार को उपमंडल पांवटा साहिब में वन मंत्री ने राजबन व गोरखपुर स्थित आरक्षित वनो मे किये जा रहे वन संवर्धन के कार्यों का जाएज़ा लिया।बता दे कि फरवरी 2018 मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय स्वरूप पांवटा साहिब मे वानिकी सिद्धांतों के अनुरूप वृक्ष कटान का कार्य शुरु किया गया था।
इस कार्य का उद्देश्य पुराने व रोग-ग्रस्त वृक्षों को हटा वनों मे सूर्य की रोश्नी का प्रवेश बढ़ाना था ताकि नये पौधे उगने के लिए अच्छा परिवेश तैयार हो सके। इस प्रक्रिया से न केवल नए पौधे जंगल मे पनपते हैं अपितु कटान से प्राप्त लकड़ी नीलामी के माध्यम से वन निगम द्वारा बेची जाती है, जिससे राजस्व की प्राप्ती होती है। वन मंत्री ने पांवटा मे किए जा रहे वानिकी कार्यों की बारिकीयों को जाना ओर अब तक हुए कार्य की प्रशंसा करते हुए वन-अधिकारियों को ओर तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होने आरक्षित वनों की राजस्व रिकार्ड मे एंट्री करवाने हेतु एस.डी.एम पांवटा से चर्चा भी की।
गौरतलब है कि वानिकी के सिद्धांतों के अनुरूप होने वाले हरित-कटान पर सन् 1996 मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गयी थी। विभाग द्वारा वानिकी सिद्धांतों का ब्योरा देते हुए 2018 मे न्यायालय से प्रयोगात्मक कटान की अनुमति प्राप्त की ताकी न्यायालय को वानिकी के अनुरुप हुए कटान के लाभ से वाकिफ करवाया जा सके। इस मौके पर विधायक पांवटा सुखराम, खाद्य आपूर्ति बोर्ड उपाध्यक्ष बलदेव तोमर , कंज़रवेटर नाहन बी.एस राणा, डी.एफ.ओ नाहन कुणाल अंग्रिश व पांवटा वन मंडल का स्टाफ उपस्थित रहा।
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