News portals-सबकी खबर (डेस्क -शिमला )
हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी / डी.ए ल.एड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ सरकार से मांग करता है कि वे जेबीटी बनाम बी.एड केस को जल्दी से हल करे। ये केस सन 2019 से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय मे विचाराधीन है। इस केस की सुनवाई लगभग 20 बार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय मे हो चुकी है , परंतु हर बार एक नई तारिख पे तारिख मिलती जा रही है ।
कभी सरकार के A.G न्यायालय मे अनुपस्थित पाये जाते है तो कभी बी.एड वाले वकिल अनुपस्थित पाए जाते है। 3 सालो से तारिख पे तारिख मिलती जा रही है। लगभग 40 हजार बेरोजगार जे.बी.टी /डी.एल.एड प्रशिक्षु का भविष्य अन्धकारमय होता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश उप चुनाव से पहले भी सोशल मीडिया के माध्यम से 40 हजार बेरोजगार जे.बी.टी/डी.एल.एड प्रशिक्षुओं ने सरकार तक आवाज उठाई लेकिन कौई भी सकारत्मक परिणाम नही निकला कोर्ट से 3 सालो से तारिख पे तारिख मिलती जा रही । सरकार ने इस मामले को कभी भी गंभीरता से नही लीया जे.बी.टी प्रशिक्षु 15-15 सालो से नौकरी की आस लगाए बैठे है।
हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, सचिव मोहित ठाकुर तथा अन्य सदस्य दीपक ठाकुर, विक्की चौधरी, तांवरी भाटिया, अविनाश कटोच, अजय ठाकुर मड़वाल ,पंकज शर्मा , वोधराज , व आशीष ने बताया है की सन 2018 से जे.बी.टी का एक भी पद इस केस की वजह से नही भरा गया तथा प्रदेश मे हजारो स्कूल खाली चल रहे है। जे.बी.टी के पद पर जे.बी.टी की ही नियुक्ति हो न की बी.एड की ताकि जे.बी.टी वालो को उनका हक़ मिल सके ।
इस केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को है। 40 हजार जे.बी.टी बेरोजगार सरकार से विनिती करता है कि इस केस को जल्दी से जल्दी हल करे तथा जे.बी.टी के स्थान पर जे.बी.टी वाले को ही रखा जाये ताकि उनका हक़ मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
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