News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
कोरोना महामारी के चलते जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के उद्योगिक क्षेत्र गोंदपुर में होम क्वारंटीन में रखे गए एक उद्योग इकाई के महाप्रबंधक शुक्रवार को 14 दिन की अवधि पूरी होने से पहले ही कपनी कार्यालय पहुंच गया जिस पर पंचायत प्रतिनिधियों और कामगारों ने खूब हंगामा किया। मामला पुलिस थाने तक पहुंचा। महाप्रबंधक केवल इकाई के कार्यालय में ही आकर कार्य करेगा। इस पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। क्वारंटीन अवधि पूरी होने तक महाप्रबंधक प्लांट के भीतर नहीं जाएगा।
जानकारी के अनुसार 21 मई को हरियाणा ऑरेंजे जोन से एक कंपनी के महाप्रबंधक पहुंचे थे। जो सीधे गोंदपुर दवा कंपनी ही चले गए थे। पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने विरोध किया था जिसके बाद महाप्रबंधक को 14 दिनों तक होम क्वारंटीन पर किराये के कमरे में तारुवाला रखा गया। 28 मई को रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई। इसके बाद वीरवार व शुक्रवार सुबह ड्यूटी पर चले गए। सूचना मिलने पर पांवटा नगर परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मान, ग्राम पंचायत अमरकोट के प्रधान राकेश महरालू, मजदूर नेता प्रदीप चौहान, पूर्व प्रधान सुरजीत सिंह, उपप्रधान गुलशेर मोहम्मद समेत कामगारों उद्योग के बाहर एकत्रित हो गए और हंगामा किया।
वहीं, शिकायत पुलिस थाने पहुंच गई। कंपनी के महाप्रबंधक का कहना है कि कंपनी बंद थी। होम क्वारंटीन के दौरान लैब को रिपोर्ट भेजने पर निगेटिव आई थी। तीन माह का काम कंपनी में लंबित पड़ा है। इसलिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया था। इसके बाद ही कंपनी कार्यालय में काम देखने पहुंचे लेकिन विरोध के बाद शुक्रवार दोपहर तक काम नहीं कर सके।
अमरकोट पंचायत प्रधान राकेश महरालू ने कहा हरियाणा के ऑरेंज जोन से पहुंचे कंपनी के महाप्रबंधक को 14 दिन होम क्वारंटीन अवधि पूरी करनी चाहिए। एक सप्ताह के बाद ही कंपनी पहुंचने पर कंपनी के कामगार भी कोरोना महामारी के दौर में भयभीत हैं। इसके बाद दवा इकाई प्रबंधक को केवल अपने कार्यालय में ही काम करने को की बात पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई। उधर, डीएसपी पांवटा सोमदत्त ने कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत मिली थी। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इस दवा कंपनी के महाप्रबंधक ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया था जिससे लंबित कंपनी के कार्य को पूरा कर सकें। केवल इकाई कार्यालय में ही काम करने की बात पर दोनों पक्षों के बीच मामला शांत हुआ। कंपनी के कामगार भी भीतर काम करने चले गए।
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