News portals-सबकी खबर (शिमला ) जनजातीय क्षेत्र में दोबारा स्थानांतरण करने पर हाई कोर्ट ने रद्द करने का फैसला सुनाया है | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र भारद्वाज की सिफारिश पर लोक निर्माण विभाग के सहायकअभियंता को दोबारा स्थानांतरण किया गया था जिस पर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शैलेष कुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए पारित किए। प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया था कि तबादला राजनीतिक हस्तक्षेप पर हुआ है इसलिए इन तबादला आदेशों को रद्द किया जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता की जनजातीय क्षेत्र में दोबारा स्थानांतरण की सिफारिश की थी। याचिकाकर्ता शैलेष कुमार ने आरोप लगाया था कि विभाग ने नेता की सिफारिश पर बिना सोचे समझे उसका तबादला किया है। याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने वर्ष 1996 से 2008 तक जनजातीय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी थी। स्थानांतरण पॉलिसी के तहत किसी भी कर्मचारी को दोबारा से जनजातीय क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के अनुसार वह लोक निर्माण विभाग उपमंडल नकरोड़ में सहायक अभियंता के पद पर तैनात था। इस स्थान पर अभी याचिकाकर्ता ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था।इसके बावजूद भी विभाग ने राजनीतिक सिफारिश पर उसका तबादला किया है। विभाग के पास याचिकाकर्ता को स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं थी लेकिन कांग्रेस नेता के निर्देशों के बाद ही विभाग ने स्थानांतरित पॉलिसी के खिलाफ उसका तबादला किया है। इन तबादला आदेशों में कोई भी जनहित और प्रशासनिक जरूरत नहीं है। आरोप लगाया है कि याचिकाकर्ता का तबादला प्रताडि़त करने के लिए किया है। दलील दी गई कि राजनीतिक द्वेष के चलते किए तबादले हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं। अदालत ने विभाग द्वारा पेश किए रिकार्ड को देखने के बाद पाया कि प्रार्थी का तबादला राजनीतिक सिफारिश पर हुआ है इसलिए रद्द किया जाता है।
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